उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान में एक सुरक्षा काफिले पर हुए फिदायीन हमले में नौ सैनिकों की मौत हो गई। इस हमले में अन्य 20 लोग घायल हो गए हैं। काफिले के पास आकर हमला करने वाला आतंकवादी ने मोटरसाइकिल से सैनियों पर हमला किया था। खुद को विस्फोटित कर देने के बाद वह आतंकवादी भी मर गया।
भारतीय सेना के नौ जवानों की मृत्यु के साथ ही, पांच और जवान घायल हुए हैं। इस हमले के बाद पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया कि वे आतंकी खतरे को खत्म करने के लिए सुरक्षा बलों की कठोर कार्रवाई कर रहे हैं। तालिबान और अन्य आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उनकी मौजूदगी में वृद्धि की जा रही है।
इस आतंकी हमले के बाद, देश की सरकार में चिंता की बाद में बढ़ गई है। कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने भी इस हमले की निंदा की है और सैनिकों की मौत पर दुख व्यक्त किया है। हालांकि, अभी तक हमले की जिम्मेदारी कोई स्पष्ट नहीं लेने रहा है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक तालिबान का हाथ होने की आशंका है।
यह आतंकवादी हमला पूरे पाकिस्तान में आतंकी संगठनों के बढ़ते हावभाव को दिखा रहा है। इसके बावजूद, पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि वे ऐसे हमलों के कारण परेशान नहीं होंगे और आतंकी संगठनों के खिलाफ लड़ाई का निरंतर जारी रखेंगे।
यह हमला उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान में हुआ है, जहां टालिबान और अन्य आतंकवादी संगठन अभी भी काबुल में सत्तारूढ़ हैं। इसके बाद बढ़ती हुई हालात के कारण सरकार की चिंता बढ़ गई है। सुरक्षा बलों को आतंकवाद के खिलाफ और मजबूती से लड़ने के लिए और भी जरूरत होती है।
इसबारे में हमारे पत्रकार अतिवृष्टि कुमार ने राजनीति गुरु में विस्तारपूर्वक लिखा है। उन्होंने लिखा है, “पाकिस्तान में फिदायीन हमले द्वारा नौ सैनिकों की मौत बहुत ही हृदयविदारक है। यह तालिबान और उनके सहयोगियों की रणवीर योध्यात्रा को स्पष्ट करता है। पाकिस्तान की सरकार को इस तरह की आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ने की जरूरत है।” वे भी बताते हैं कि काफिले के साथ जानवरों द्वारा हमला की संभावना भी है और इसके लिए भी सुरक्षा बलों को तत्पर रहना चाहिए।
श्री खन्ना के इस लेख द्वारा ‘राजनीति गुरु’ ने इस घटना पर जरूरी जागरूकता फैलाई है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की दिशा में और तंजी को दहेज़ बनाए रखने के लिए यह बहुत जरूरी है। यह हमला एक और तंजी को दर्शाता है कि पाकिस्तान में आतंकी संगठन अभी भी कई हीं हैं। वापसी करने की आशंका है और उस समय तक सरकार को आतंकवाद के खिलाफ भीड़भाड़ में उभरती हुई संगठनों के खिलाफ जरूरी पहलुओं को लेकर तत्पर रहना चाहिए।
यह हमला सूचीत करता है कि पाकिस्तान में आतंक की मार अभी भी जारी है और उन कार्यवाहक तत्परताओं की जरूरत है, जो इन आतंकी संगठनों के खिलाफ लड़ाई में मियादगार रहेंगे।
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