कोविड-19 के साल 2020 में आने के बाद से ही लोगों को उनके घरों में बंद कर दिया गया है। इस महामारी के कारण लोगों के जीवन में बड़ी बदलाव हुए हैं और उन्हें नये-नये चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। अब इसे जमीन की गोद में मत्र सिमटाकर छोड़ने के लिए हमें नए तरीकों का अनुसरण करना होगा।
कोविड-19 के दौरान एक और बड़ी चुनौती ये थी की हर कुछ इतनी तेजी से बदल रहा था की लोगों को इसके साथ कदाचित ही कोई पेस नहीं रहा। मगर जब रिसर्चर्स ने इस वायरस की अध्ययन करना शुरू किया तो उन्हें पता चला की कोविड-19 के कई नए वेरिएंट होते हैं और इन वेरिएंट में वायरस के कुछ लक्षण तो समान ही रहे।
ये लक्षण बुखार, सर्दी-जुकाम, बदनदर्द, सरदर्द, गले में खराश, सूंघने और स्वाद की क्षमता का जाना थे। इन सभी लक्षणों का कारण होता है कि कोविड-19 वायरस हमारे सेंसरी न्यूरॉन्स पर नकारात्मक असर डालदेता है।
एक अध्ययन के अनुसार, इस वायरस ने हमारे सेंसरी न्यूरॉन्स के जीन स्ट्रक्चर को बदल दिया है। इसे उम्मीद थी कि वायरस के संक्रमण के समय इन जीन ही को सीधे नुकसान पहुंचाते हैं। एडिसन वॉलश, एंड्र्यू फैटसेंट और जोनाथन झूलिती इसी बात पर काम कर रहे थे। उन्होंने ये ध्यान दिया की सेंसरी न्यूरॉन में ACE2 प्रोटीन पाया जाता है, जिसके द्वारा कोविड-19 वायरस सेल में प्रवेश करता है।
इन सभी रिसर्च से पता चलता है की ऑमिक्रोन का इंफेक्शन रेट बहुत कम है और इसकी वजह से कोविड-19 के पहले की तुलना में ये वेरियंट कम बुरा है। यह एक बड़ी खुशखबरी हो सकती है उन लोगों के लिए जो नई व्यवस्थाओं में ढलते हुए हैं।
निश्चित रूप से, इस वायरस के सम्बंध में अध्ययन किया जा रहा है और नई जानकारी का पता चल रहा है। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हम अब इन अध्ययनों का इंतजार करते हैं।
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