इजराइल और हमास के बीच दुर्दशा जारी है। गाजा पट्टी पर आतंकियों के ठिकानों पर भयंकर बमबारी की जा रही है, जिससे सुरक्षा समस्याएं बढ़ रही हैं। इस लड़ाई में इजराइली बारूद इमारतों को रेत में बदल रहे हैं, जिससे उनकी प्रशासनिक भवनों में नुकसान पहुंच रहा है।
विश्वभर के मुस्लिम देश आतंकी हमले के खिलाफ खड़ा हैं। इस वजह से ईरान ने इजराइल के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की मांग की है। हालांकि, चीन और रूस न तो इजराइल के पक्ष में हैं और न ही आतंकी हमलों के खिलाफ कुछ बोल रहे हैं।
वहीं, अमेरिका इजराइल के पक्ष में खुलकर खड़ा है। यूरोपीय देश जैसे कि इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली समेत कई और यूरोपीय राष्ट्र इजराइल के समर्थन में खड़े हैं।
यह राजनीतिक विवाद देश और विदेशी मुद्दों के बीच अज्ञात स्थिति पैदा कर रहा है। यह विवाद हमारी वेबसाइट ‘राजनीति गुरु’ के पाठकों के लिए अहम है, जहां हम देश और विदेश की राजनीति से जुड़ी ताजगी खबरों को पेश करते हैं। हमें आशा है कि यह विवाद शीघ्र हल हो और दोनों पक्ष आपस में मित्रता बनाए रख सकें।
अधिकांश लोग इस विवाद को दुर्भाग्यपूर्ण मान रहे हैं, जिससे युद्ध और हिंसा का आंकलन बढ़ रहा है। हम सभी को यह मानना चाहिए कि हिंसा का समाधान किसी भी समस्या का हल नहीं होता है बल्कि सदभाव से और वाद-विवाद के माध्यम से मिलता है। इस लड़ाई को नियंत्रित करने के लिए संयम और जिम्मेदारी की आवश्यकता है और हम सभी को इसमें अपना योगदान देना चाहिए।
विनम्र अनुरोध है कि हम सभी लोग इस भयानक संकट को जल्द से जल्द हल करने के लिए प्रयासरत रहें और नये साल की शुभकामनाएं मान्य करें। देशों की मित्रता और आपसी समझ को मजबूत करने का कार्य करें ताकि हम सभी एक सुरक्षित और सुलभ दुनिया में रह सकें।
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