जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में हुए आतंकी हमले की खबरों ने देशभर में हंगामा मचा दिया है। इस हमले में तीन सशस्त्र बल सैनिकों की शहादत हो गई है। कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष ढोंचक और डीएपी हुमायूं मुजम्मिल बट्ट अतिरंजीत सहित इन तीनों सैनिकों की शहादत के बाद देश भर में गुस्से का आगाज हो गया है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने जारी किये गए एक बयान में कहा है कि पाकिस्तान ने हमले के बारे में रिपोर्टों की जांच की है और इससे यह साफ हो जाता है कि भारतीय सेना के अपने दावों पर पूरी तरह यकीन है। इस बयान ने देश भर में भड़काऊ आपत्तियों का जन्म हो दिया है। लोगों ने यह सही मौका मानते हुए पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग करते हुए निकाले अपना आक्रोश।
जम्मू-कश्मीर में हुए इस हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसमें बीजेपी कार्यकर्ताओं और डोगरा फ्रंट शिव सेना के सदस्य भी शामिल थे। इस विरोध मार्च में पाकिस्तान के झंडे और पोस्टरों को भी जलाया गया। लोग पाकिस्तान के इस तरीके को नकारते हुए ध्वज दहन के जरिए अपना आपदापूर्ति जताने का प्रयास किया।
इस हमले ने जम्मू-कश्मीर की सैन्य और राजनीतिक माहौल में भी बहुत बदलाव ला दिया है। इसके बावजूद, वहाँ के लोग इस मुकाबले को नये जोखिम से सामने ले रहे हैं। सरकार से चाहिए कि वह इस मामले में सख्ती से कार्रवाई करें और जिसे जरूरत हो उसे बचाने के लिए जरूरी सुरक्षा व्यवस्था की व्यवस्था करें।
अब यह देखना होगा कि इस आतंकी हमले के दौरान हुए सैनिकों की वीरता और बलिदान को कैसे मान्यता मिलती है। देश की जनता उन्हें शहीदों के समान सम्मान देने का कार्य कर रही है, और उनके बराबर कार्रवाई करने की मांग कर रही है।
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