गुजरात विधानसभा चुनाव में एक महीने के करीब का समय बचा है। ऐसे में बीजेपी-कांग्रेस हर तिकड़म लगाकर अपनी लहर बनाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में भाजपा नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा एक बार फिर से पार्टी की मुश्किलें बढ़ाते दिख रहे हैं। दरअसल, यशवंत सिन्हा आगामी 14 नवंबर से गुजरात के 3 दिवसीय दौरे पर हैं। ऐसे में बीजेपी के लिए मुश्किल वाली बात ये है कि यशवंत सिन्हा कांग्रेस समर्थित एक एनजीओ के बुलावे पर गुजरात जाने वाले हैं, जहां वो मौजूदा आर्थिक व्यवस्थाओं को लेकर अहमदाबाद, सूरत और राजकोट के कारोबारियों से मुलाकात करेंगे।
आपको बता दें कि हाल ही में यशवंत सिन्हा जीएसटी और नोटबंदी के फैसले का विरोध में खुलकर सामने आ गए हैं । उन्होंने मौजूदा आर्थिक व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए हैं । यशवंत सिन्हा 14, 15 और 16 नवंबर को गुजरात में रहेंगे। यहां वो कांग्रेस समर्थित एनजीओ लोकशाही बचाओ आंदोलन के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। बताया जा रहा है कि यशवंत सिन्हा इन कार्यक्रमों में जीएसटी और नोटबंदी पर चर्चा करेंगे, जिन्हें मोदी सरकार अपनी उपलब्धियों के रूप में गिना रही है। इस कार्यक्रम को गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व बीजेपी नेता सुरेश मेहता लीड करेंगे।
हालांकि सुरेश मेहता ने ऐसी सभी अटकलों को खारिज किया है, जिसमें ये कहा जा रहा है कि ये एक पॉलिटिकल इवेंट होगा। सुरेश मेहता ने एक बातचीत में कहा कि यशवंत सिन्हा ने हमारा निमंत्रण स्वीकार कर लिया है और वो 14, 15 और 16 नवंबर को इन कार्यक्रमों में शामिल होंगे। सुरेश मेहता ने सभी मीडिया रिपोर्टस को खारिज करते हुए कहा कि इस इवेंट में सिविल सोसाइटी समूह, ट्रेड यूनियन, पर्यावरण कार्यकर्ता, गांधीवादी विचारधारा के लोग और प्रसिद्ध नागरिकों का जमावड़ा रहेगा। उन्होंने कहा कि हमारा ये कैंपेन किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़ा है, बल्कि ये गुजरात मॉडल की हकीकत लोगों को दिखाने के लिए होगा।
आपको बता दें कि सुरेश मेहता साल 2007 तक भारतीय जानता पार्टी में थे। 2007 के बाद वो गुजरात परिवर्तन पार्टी में शामिल हो गए। इससे पहले सुरेश मेहता 1995 से 1996 तक गुजरात के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।