बीजेपी नेतृत्व से नाराज चल रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने एक बार फिर से अपनी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस बार उन्होंने एनडीए से सहयोगी दलों द्वारा नाता तोड़ने को लेकर शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साधा है।
एक लेख में यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘एनडीए से घटक दल क्यों पीछा छुड़ाने लगे हैं? इसकी वजह तलाशने के लिए दूर नहीं जाना होगा। उनलोगों ने जनता का मूड भांप लिया है जो निर्णायक तौर पर बीजेपी के खिलाफ हो चुका है। बेहतर साबित होने के बजाय बीजेपी उनके लिए बोझ बन चुकी है। नीतीश कुमार एनडीए में शामिल होने वालों में सबसे नए हैं, लेकिन उनके उम्मीदवार को जहानाबाद विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में राजद के हाथों हार मिली है। एनडीए से पीछा छुड़ाने की प्रक्रिया समय में बदलाव की एक और निशानी है।’ यशवंत सिन्हा ने लिखा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के कुछ सहयोगी होंगे, लेकिन गठबंधन का स्वरूप और आकार वह नहीं होगा जो अभी है। उनके मुताबिक, उत्तर प्रदेश और बिहार में उपचुनावों के बाद त्रिपुरा में जीत हासिल करने पर बीजेपी के प्रति धारणा में भी बदलाव आया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बीजेपी के रवैये से एनडीए के सहयोगी दलों के नाखुश होने की भी बात कही है। उन्होंने लिखा, ‘ऐसा लगता है जैसे बीजेपी के व्यवहार से सिर्फ शिवसेना ही नहीं बल्कि अन्य सहयोगी दल भी नाखुश हैं।