वरिष्ठ बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने एक बार फिर वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधा है। उन्होंने यहां तक कहा कि जेटली ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) को लागू करते समय दिमाग नहीं लगाया। पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि जीएसटी को लेकर रोज बदलाव हो रहे हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चाहिए कि वह वित्त मंत्री अरुण जेटली को तुरंत बर्खास्त कर दें। पिछले दिनों भी उन्होंने अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब बताते हुए मोदी-जेटली की नीतियों की आलोचना की थी।
सिन्हा सत्ताधारी पार्टी जेडीयू के बागी नेता उदय नारायण चौधरी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने जेटली के उस ताने का भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने 80 की उम्र में नौकरी की तलाश करने वाला बताया गया था। यशवंत सिन्हा ने कहा, 'जो लोग यह कह रहे हैं कि मैं 80 की उम्र में नौकरी की तलाश में हूं उन्हें मालूम हो कि मैंने संसद में कभी बैठकर बजट पेश नहीं किया।' गौरतलब है कि कमर-पीठ में दर्द की वजह से जेटली बजट भाषण के बीच में बैठ गए थे।
यशवंत सिन्हा ने कहा, 'कालाधन खत्म होने का कोई संकेत नहीं है। कभी लोग कहते हैं कि नोटबंदी की वजह से जम्मू-कश्मीर में पथराव कम हो गया। लेकिन उन्हें ऐसी उपलब्धि के दावे से बचना चाहिए।' सिन्हा ने जीएसटी को लागू करने में हड़बड़ी का जिक्र करते हुए कहा, 'मौजूदा वित्त मंत्री ने अपना दिमाग नहीं लगाया, यदि ऐसा हुआ होता तो टैक्स ढांचे में जल्दी-जल्दी बदलाव नहीं करना पड़ता। इसका मतलब है कि सिस्टम काम नहीं कर रहा है।' उन्होंने कहा कि जेटली ने जीएसटी का कबाड़ा कर दिया है। इसमें बड़ा बदलाव करना होगा इसलिए वित मंत्री को बदलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीडीपी में 2 प्रतिशत की गिरावट आई है, इसका मतलब ये है कि देश को 3 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है। सिन्हा ने पीएम मोदी को यह सुझाव दिया कि पूर्व वित्त सचिव विजय केलकर की अध्यक्षता में एक समिति का गठन करें जो जीएसटी को प्रभावी बनाने के लिए अनुशंसा करे।
बिहार की सियासत में दलितों को लेकर चल रही उठापटक पर सिन्हा ने कहा कि शोषितों को उनका संवैधानिक अधिकार जरूर मिलना चाहिए। ये सरकार संविधान का मजाक बना रही है। न तो केंद्र सरकार और न बिहार सरकार, शोषितों के विकास को लेकर सजग हैं।
उन्होंने ऑउटसोर्स्ड जॉब्स में आरक्षण को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी हमला किया और कहा कि नियम 1993 से लागू है और राज्य सरकार ने इस मामले में कुछ नया नहीं किया है। यशवंत ने नीतीश को चुनौती दी कि प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण देने के लिए अगर शोषितों और पिछड़ों के विकास के प्रति नीतीश कुमार गंभीर हैं तो उन्हें कानून बनाकर केंद्र को भेजना चाहिए।