2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के लिए काम कर सुर्खियों में आए उनके रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बारे में कहा रहा है कि वे एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी के लिए मिशन 2019 में अहम भूमिका निभा सकते हैं। सियासी गलियारों में ये चर्चा जोरशोर से हो रही है कि पीएम नरेंद्र मोदी और प्रशांत किशोर के बीच लंबी बातचीत हुई है। कहा ये भी जा रहा है कि चूंकि पीएम 2018 के अंत तक ही लोकसभा का चुनाव करा सकते हैं इसलिए इस रणनीति को लेकर भी दोनों के बीच बातचीत हुई हो।
बहरहाल जानकारी के अनुसार कहा ये भी जा रहा है कि उन्होंने जिस वक्त पीएम से मुलाकात की है उस दौरान मोदी से कहीं ज्यादा मुलाकात कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से की है। ऐसे में मोदी के साथ वो दोबारा से काम करेंगे, इस बात में कितनी सच्चाई है ये तो आने वाले समय में ही पता चलेगा।
हालांकि जानकारी के अनुसार अगस्त में कैंसर के चलते प्रशांत की मां का निधन हो गया, जबकि उनके पिता काफी बीमार चल रहे हैं, इसलिए वो इन दिनों किसी पार्टी के लिए काम नहीं कर रहे। बस, आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस का काम में पहले से उनके पास है, जो उनकी टीम देख रही है। पर पीएम, राहुल या प्रियंका मिलने के लिए प्रशांत को बुलाएंगे तो कोई कैसे मना कर देगा। पीएम मोदी, राहुल गांधी या फिर प्रियंका गांधी हो, ये सभी प्रशांत किशोर से सियासी हालत और भविष्य की रणनीति पर राय मांगते हैं तो अपनी बात कह देते हैं। इसका मतलब ये नहीं है कि वो उनके साथ 2019 के लिए जुड़ गए हैं।