-एनडीए के साथ रहेगी या स्वतंत्र फैसला करेगी!
राज्यसभा चुनाव की गहमागहमी बढ़ गयी है, हालांकि अभी तक ना तो भाजपा ने अपने पत्ते खोले हैं और ना ही कांग्रेस ने यह साफ़ किया है कि वो किसे राज्यसभा में उतार रहा है. ऐसे में सबकी नज़र अब एनडीए की पार्टनर आजसू पर टिक गयी है. आजसू कई सार्वजनिक मंचों से एलान कर चुकी है कि अगला चुनाव वो स्वतंत्र तौर पर लड़ेगी. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने भी इस घोषणा पर कह ही दिया कि आजसू को किसने रोका है! ऐसे में आजसू क्या भाजपा उम्मीदवार को ही सपोर्ट करेगी या अभी से अपना अलग रास्ता अख्तियार कर लेगी!
इस बावत आजसू प्रमुख सुदेश महतो अभी कुछ नहीं बोल रहे हैं. लेकिन पार्टी में इस विषय पर लगातार चिंतन हो रहा है. पिछड़ों की उपेक्षा पर उबल रहे झारखण्ड में आजसू ने एक लीड लेने की कोशिश तो कर ही दी है. इस राज्यसभा चुनाव में भी झारखण्ड के भूमिपुत्र और पिछड़े को कौन सा दल टिकट देता है, इसपर भी आजसू की निगाहें रहेंगी. लेकिन अगर भाजपा ने अर्जुन मुंडा को राज्यसभा का टिकट दे दिया तो फिर क्या करेंगे सुदेश! क्या तब उनके सामने राजनीतिक धर्मसंकट की स्थिति नहीं हो जाएगी.
राज्यसभा चुनाव बहुत हद तक झारखण्ड की अगली राजनीतिक लड़ाई की दिशा और दशा तय कर देगा. यह साफ़ हो जायेगा कि कौन सा सियासी कुनबा किसके साथ रहेगा! ऐसे में आजसू की दुविधा भी बहुत हद ख़त्म हो जाएगी.