एसटी, एससी एक्ट के मामले पर रालोसपा नेता और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने एक प्रकार से कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश में कोर्ट के फैसले की वजह से दलित समुदाय और पिछड़े वर्ग के लोगों का काफी नुकसान हो रहा है। इसके लिए उन्होंने कोर्ट में दलितों और पिछड़ों का प्रतिनिधित्व नहीं होने को मुख्य वजह बताते हुए कहा कि यही कारण है कि इस तरह के फैसले आ रहे हैं। उन्होंने केंद्र का बचाव करते हुए कहा कि इस स्थिति में केंद्र सरकार पर किसी तरह के आरोप लगाना ठीक नहीं है।
उपेंद्र कुशवाहा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि इस पूरे मामले में जो लोग जानकार हैं जो कानून को समझते हैं उन्हें आगे आना चाहिए। आज समाज में जो कुछ भी हो रहा है। आशंका है कि फिर समाज 2005 से पहले वाली स्थिति में न चला जाए। जब एक वर्ग के लोग दूसरे वर्ग के लोगों पर विश्वास नहीं करते थे। उस समय समता पार्टी के बैनर तले हम लोगों ने खूब मेहनत की और समाज में समरता लाई गई, इसमें सभी लोगों और वर्गों का पूरा-पूरा सहयोग मिला था। लेकिन ये दुखद बात है कि आज फिर से वही स्थिति बनाने की कोशिश चंद लोगों द्वारा की जा रही है। उन्हें ये समझना चाहिए कि इसमें सबसे ज्यादा नुकसान उन्हीं लोगों का होगा। उन्होंने अपने ऊपर हुए हमले की भी कड़ी निंदा करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा दलितों और पिछड़ों की आवाज उठायी है। उनके अधिकार जबतक नहीं मिलते, तब तक उनकी लड़ाई वाजिब है। कुशवाहा ने कहा कि मेरे साथ कुछ लोगों ने बदमाशी की। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो मेरी बात को समझ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोग सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ नहीं, बल्कि उस फैसले के खिलाफ हैं। उन्होंने बताया कि मंडल कमीशन लागू है, लेकिन इसका फायदा 7 या 8 फीसदी ही हुआ है। उन्होंने जजों की बहाली के लिए आयोग के गठन की भी मांग की।