जहां से नीतीश करते हैं हर अभियान की शुरुआत, वहीं से तेजस्वी करेंगे ‘जनादेश अपमान यात्रा’ का आगाज
बिहार में सत्ता से दूर होने के बाद तेजस्वी यादव अब नीतीश के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहे हैं। बिहार में 20 महीने में महागठबंधन टूटने और नीतीश कुमार के भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाए जाने को जनादेश का अपमान बताते हुए, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव अब ‘जनादेश अपमान यात्रा’ का आगाज करने वाले हैं। राजद को जहां इस यात्रा से काफी उम्मीद है, वहीं भाजपा और जदयू इस यात्रा को लेकर तेजस्वी को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरने की कोशिश कर रहे हैं।
तेजस्वी जनादेश के अपमान को लेकर वर्तमान सरकार के खिलाफ ‘जनादेश अपमान यात्रा’ नौ अगस्त को महात्मा गांधी की कर्म भूमि चंपारण से प्रारंभ करेंगे। इस यात्रा के दौरान लोगों को जनादेश के अपमान की जानकारी भी देंगे। 9 अगस्त की सुबह मोतिहारी में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर तेजस्वी यात्रा की शुरुआत करेंगे। वह मोतिहारी से बेतिया के माधोपुर जाएंगे और वहां जनसभा सभा को संबोधित करेंगे।
तेजस्वी की 'जनादेश अपमान यात्रा' के पहले ही उनके पिता लालू प्रसाद पटना रैली की तैयारी में जुटे हैं। पहले ये रैली विपक्ष को 2019 के लिए एकजुट करने के मकसद से प्लान की गयी थी, लेकिन नीतीश कुमार के महागठबंधन छोड़ देने के बाद इसका फोकस तेजस्वी पर हो गया है। लालू इस रैली के जरिये अपनी ताकत दिखाने के अलावा तेजस्वी को बिहार की राजनीति में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। लालू को इस रैली में विपक्ष के करीब डेढ़ दर्जन दलों के नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है - जिसमें उत्तर प्रदेश से मायावती और अखिलेश यादव की मंच पर साथ मौजूदगी मुख्य आकर्षण हो सकता है।
तेजस्वी ने जनादेश अपमान यात्रा के पहले नीतीश कुमार पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि हमें नहीं पता था कि नीतीश जी बापू के कातिलों के साथ हो जाएंगे ऐसे में हम सबसे पहले सत्याग्रह की धरती पर बापू के चरणों में जाकर उनसे मांफी मांगेंगे। तेजस्वी ने कहा कि जनादेश का अपमान हुआ है इसके लिए पूरे बिहार में जनादेश अपमान यात्रा करेंगे। यात्रा कर नीतीश का सच सबके सामने रखेंगे। मालूम हो कि विपक्ष में बैठने के बाद से ही तेजस्वी यादव लगातार नीतीश कुमार पर हमलावर हैं।