कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार का दलित और आदिवासी विरोधी मुनवादी चेहरा सामने आ रहा है। बीजेपी सरकार इस देश में फिर से वर्णव्यवस्था लागू करवाना चाह रही है। यह सरकार एसटी,एससी का आरक्षण खत्म करना चाह रही है। इसके साथ ही दलितों, आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार को भी रोकने में विफल रही है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले से देश के दलितों और आदिवासियों में भय का माहौल व्याप्त है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी इस दिशानिर्देश ने एसटी, एससी के सुरक्षा के लिए बनाए गए कानून को ही निष्प्रभावी बना दिया है। केंद्र सरकार को चाहिए था कि इस मामले में हस्तक्षेप याचिका दायर करे। लेकिन केंद्र सरकार ने एक सोची समझी चाल के तहत ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों के लिए आज पूरे देश में इस वर्ग के लोग सड़क पर उतर गए हैं। लेकिन राज्य सरकार ने जिस प्रकार शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठियां बरसाई हैं वह घोर निंदनीय है।