राहुल गांधी ने कांग्रेस की कमान भले ही संभाली हो पर अब सोनिया गांधी ने विपक्षी एकजुटता को लेकर अपना प्रयास शुरू कर दिया है। कहा जा रहा है कि वे लगातार विपक्षी दलों के नेताओं से संपर्क साध रही हैं कि किस प्रकार मिशन 2019 के लिए बीजेपी के खिलाफ मोर्चाबंदी की जाय। देश भर के सभी राजनीतिक दलों से इसकी कवायद में कांग्रेस के कई नेताओं को भी लगाया गया है। ताकि चुनाव से पहले इस विपक्षी गोलबंदी का एक खाका तैयार किया जा सके।
सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान और उनकी बीजेपी नेताओं और सांसदों से एक साथ लोकसभा और विधानसभा के लिए देश में माहौल बनाने की बात को सोनिया गांधी गंभीरता से ले रही हैं। और इसीलिए जल्द से जल्द कांग्रेस के साथ आनेवाली क्षेत्रीय और अन्य पार्टियों की मीटिंग बुला रही हैं। इसी बात को ध्यान में रख कर सोनिया गांधी ने गुरुवार को तमाम विपक्षी दलों की एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में करीब डेढ़ दर्जन विपक्षी पार्टियों के प्रतिनिधियों के आने की बात कही गई है।
जानकारी के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान राहुल गांधी को सौंपे जाने के बाद विभिन्न क्षेत्रीय दलों का युवा नेतृत्व जैसे राजद नेता तेजस्वी यादव, सपा नेता अखिलेश यादव, डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन, उमर अब्दुल्ला आदि नेताओं को तो राहुल के नेतृत्व पर कोई एतराज नहीं है। लेकिन एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार हों या पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, ऐसे कई कद्दावर नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में असहज महसूस कर रहे हैं। जानकारों की मानें तो सोनिया गांधी ने इसी रणनीति को साधने के लिए यह बैठक की बुलाई है ताकि पुराने और कद्दावर नेताओं के साथ वे तालमेल बैठा सकें।