मुख्यमंत्री रघुवर दास से उलझने और तमाम बड़े नेताओं की मौजूदगी में हंगामा करने वाली सीमा शर्मा दो महीने के भीतर ही पार्टी में बाइज्जत वापस आ गईं। ध्यान रहे कि सीएम रघुवर दास को खरी-खरी सुनाने और उनपर कार्यकर्ताओं से संवाद नहीं करने का आरोप लगाने की घटना के छह घंटे के अंदर पार्टी नेतृत्व ने अनुशासनहीनता के आरोप में सीमा शर्मा को प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था। पार्टी अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ ने उन्हें तत्काल निलंबित करने का आदेश जारी किया था। बहरहाल, अब सवाल ये उठ रहा है कि दो महीने के भीतर ही ऐसा क्या हुआ कि पार्टी अध्यक्ष को सीमा शर्मा का निलंबन वापस लेना पड़ा।
जानकारों की मानें तो सरकार और पार्टी में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। उधर, नियोजन नीति और स्थानीय नीति को लेकर सरकार अपने ही विधायकों के विरोध के बाद बुरी तरह घिर गई है। पूरे राज्य में और आलाकमान को भी अब लगने लगा है कि अगर विरोध का स्वर इसी प्रकार बढ़ता रहा तो आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
इन सब के बीच कहा जा रहा है कि गत विधानसभा सत्र में सरकार द्वारा आरोपी आला अधिकारियों का बचाव करना और उनके विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं करना महंगा पड़ा है। इसलिए इन सभी मामलों को देखते हुए ऐसे नेताओं को मनाकर पार्टी से जोड़ने और उनका सम्मान करने की कवायद बीजेपी आलाकमान के इशारे पर किया जा रहा है।