- तीन IAS सहित 10 के खिलाफ FIR दर्ज
बिहार के भागलपुर में हुए सृजन घोटाले के बाद सूबे में एक और घोटाला सामने आ रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शुरू किए गए महादलित विकास योजना में गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। निगरानी विभाग ने महादलित विकास मिशन से जुड़े तीन IAS अधिकारियों सहित 10 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। यह मामला महादलित विकास मिशन में ट्रेनिंग घोटाले के रूप में सामने आया है। इस मामले की शिकायत निगरानी विभाग को 2016 में मिली थी। जांच के बाद निगरानी विभाग ने एफआईआर दर्ज की है।
बिहार राज्य महादलित विकास मिशन के तहत दलित समुदाय के छात्रों को 16 क्षेत्रों में कौशल विकास के तहत निशुल्क ट्रेनिंग देने की योजना थी। जिसमें छात्रों के ट्रेनिंग का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करती है। ट्रेनिंग के लिए निजी कम्पनियों का चयन किया गया था। लेकिन जांच के दौरान निगरानी विभाग को गड़बड़ियां मिलीं। अब तक 4 करोड़ 25 लाख रुपये की गड़बड़ी का मामला सामने आया है।
निगरानी विभाग की जांच में दोषी पाए जाने के बाद तीन आईएएस अधिकारी -SC/ST कल्याण विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव एसएम राजू, तत्कालीन सचिव रवि मनुभाई परमार और मिशन के तत्कालीन मुख्य कार्यपालक निदेशक केपी रमैया शामिल हैं। केपी रमैया वर्तमान में बिहार भूमि न्याय अधिकरण में सदस्य प्रशासनिक के पद पर कार्यरत हैं। उल्लेखनीय है कि केपी रमैया JDU के टिकट पर सासाराम से 2014 में चुनाव भी लड़ चुके हैं।
अब ये मामला राजनीतिक रंग लेनें लगा है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर करारा हमला बोला है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया है, ‘‘नीतीश जी कैसे मुख्यमंत्री हैं, हर दूसरे दिन इनकी नाक के नीचे घोटाले होते रहते हैं। ईमानदारी का चोला ओढ़कर घोटाले करवाते रहते हैं? दलितों के विकास के करोड़ों रुपए डकार गए।’’
नीतीश जी कैसे CM है हर दूसरे दिन इनकी नाक के नीचे घोटाले होते रहते है? ईमानदारी का चोला ओढ़कर घोटाले करवाते रहते है? दलितों के विकास के करोड़ों रू डकार गए।https://t.co/LeVRExfLt7
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 31, 2017
उल्लेखनीय है कि हाल ही में तेजस्वी ने रोहतास जिले में जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत पर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार ने सिर्फ कागजों पर शराबबंदी योजना को लागू किया था। ताकि वो उस वक्त पूरे देश में शराबबंदी को लेकर अहम संदेश देकर प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बन जाएं। उन्होंने एक इंटरव्यू की एक क्लिपिंग ट्वीट करते हुए लिखा, “प्रधानमंत्री बनने के लिए महागठबंधन के सहयोग से नीतीश जी ने की थी शराबबंदी ताकि वो इसे राष्ट्रीय मुद्दा बनाकर देशभर में घूम सकें। क्या उनमें हिम्मत है अब वो झारखंड और यूपी जाकर शराबबंदी के लिए सभा करें?”
मालूम हो कि राजद नेता तथा लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी राज्य की पूर्ववर्ती जदयू-राजद-कांग्रेस महागठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री थे। फिलहाल जदयू अपनी पुरानी सहयोगी भाजपा के साथ मिलकर बिहार में सत्ता संभाल रही है।