बीजेपी की गुजरात चुनाव में जिस प्रकार का प्रदर्शन रहा और उसके बाद कांग्रेस जिस तरीके से देश की राजनीति में लौट कर आयी है. उसने बीजेपी सहित आरएसएस को भी गहन मंथन करने पर मजबूर कर दिया है. देखा जाय तो इस चुनाव में बीजेपी ने सिर्फ इज्जत बचाई है. इस जीत का भाजपा या संगठन चाहे जिस प्रकार भी आकलन करे पर मिशन 2019 की तैयारी में लगी बीजेपी को इसने चिंता करने की बड़ी वजह जरूर दे दी है.
पार्टी के अंदर से जो खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रदर्शन से राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ नाराज है. मध्य प्रदेश के उज्जैन में संघ की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई. जानकारी के मुताबिक संघ ने बीजेपी के नेतृत्व में बदलाव करने का फैसला ले सकता है. बताया जा रहा है कि गुजरात चुनाव पर परिणाम पर संघ और बीजेपी के पदाधिकारियों की हुई बैठक में फैसला लिया गया कि पार्टी में सर्जरी की जरूरत है. इसके तहत पार्टी के कई पदाधिकारयों की जिम्मेदारी में बदलाव किया जा सकता है. यह भी चर्चा है कि बीजेपी में कुछ नए चेहरों को भी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.
मालूम हो कि गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने भले ही जीत दर्ज की है, लेकिन ज्यादातर प्रत्याशियों के हार-जीत का अंतर काफी कम है. यहां बीजेपी को 99 और कांग्रेस को 80 सीटें मिली हैं. वहीं तीन सीटें अन्य के खाते में गई हैं. कांग्रेस ने चुनाव में 41.4 फीसदी वोट हासिल किए हैं. सीटों के हिसाब से जीत का अंतर कम होने के चलते गुजरात में बीजेपी के सामने राजनीतिक चुनौतियां भी पैदा हो गई हैं. पटेल समुदाय से आने वाले उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल और कोली समुदाय से आने वाले मंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी अपने विभाग के लेकर नाराजगी जता चुके हैं. हालांकि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इन दोनों नेताओं को मनचाहा विभाग देने का आश्वासन देकर शांत करा दिया है. वहीं नाराज चल रहे बीजेपी के बड़े नेताओं को कांग्रेस धड़े से प्रस्ताव दिए जा रहे हैं कि वे 10-12 विधायक को तोड़कर लाते हैं तो वे उन्हें नई सरकार गठन में बड़ी जिम्मेदारी सौंप दे सकते हैं.