मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में अगर कानून का राज स्थापित हुआ है तो इसमें सबसे बड़ी भूमिका न्यायपालिका की है। अगर समय पर सजा नहीं होगी तो भय व्याप्त नहीं होगा। नीतीश कुमार ने कहा कि नई टेक्नोलॉजी आ रही है और क्राइम की प्रवृत्ति भी बदल रही है। लोगों में भय का नहीं भरोसे का भाव पैदा होना चाहिए। मुकदमों का ट्रायल समय पर हो। जो जरूरी चीजे हैं उनके इंतज़ाम में कोई दिक्कत ना हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आग्रह करेंगे की कार्यशाला में 6 ग्रुपों में जो चर्चा हुई हो और जो सुझाव आए हैं उसके आधार पर ठोस प्रस्ताव आना चाहिए कि सरकार को क्या-क्या करना है। सब चीजों का अध्ययन आकलन कर तत्काल प्रस्ताव आना चाहिए ताकि इस वर्कशॉप का फायदा हो सके। उन्होंने कहा कि जो भी आवश्यक है सरकार की तरफ से उसको मंजूरी देंगे, चाहे पैसे की जरूरत हो, पद की जरूरत हो या टेक्नोलॉजी की।
नीतीश कुमार ने कहा कि स्थिति क्या थी, थाने में FIR दर्ज करने के लिए कागज तक नहीं रहते थे। आज तमाम थाने हाईटेक हो चुके हैं, FIR दर्ज कराने जाने पर एक कागज और कार्बन मांगा जाता था, थानों में गाड़ियां नहीं थी, जहां थी वह चलती नहीं थी, दरोगा बैठकर सिपाही से धक्का लगाकर स्टार्ट करते थे। आज स्थिति बदल चुकी है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार हर प्रकार की सहायता करती है। ज्यूडिशियल की तरफ से जो भी पद का डिमांड आता है उसको भी पूरा करते हैं। पुलिस की नियुक्ति भी उसी विभाग के अधिकारीगण करते हैं। हम लोग की तरफ से किसी भी चीज़ में विलंब नहीं होता है। जितने स्वीकृत पद हैं वह भर नहीं पा रहे हैं, पदों पर नियुक्ति आपको करनी है, पद सृजित करना हमारा काम है।