देश के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर रामनाथ कोविंद ने संसद के सेंट्रल हॉल में 12.15 बजे शपथ ली. जस्टिस जेएस खेहर ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई. इसके बाद महामहिम राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी गई.
राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद ने अपने पहले संबोधन में सभी का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि हमारा देश विविधताओं से भरा हुआ है. हम बहुत अलग है, फिर भी एक है और एकजुट हैं. उन्होंने कहा कि देश के आम नागरिक ऊर्जा के मुख्य स्रोत हैं. देश का हर नागरिक राष्ट्र निर्माता है.
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की उपलब्धियां ही सदी की दिशा तय करेंगी. आज पूरी दुनिया भारत की तरफ देख रही है. किसान, महिलाएं और पर्यावरण रक्षक सभी राष्ट्र निर्माता हैं. हमारी हमेशा ही बेहतर करने की कोशिश होनी चाहिए. हमें दीनदयाल और गांधी जी के सपनों को साकार करना होगा. एक-दूसरे के विचारों का सम्मान करना ही लोकतंत्र की खूबी है. पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने में भारत की अहम भूमिका है. अपने पुराने समय को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मैं मिटटी के घर में पला- बढ़ा हूं.
दूसरी तरफ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कानपुर स्थित परौंख गांव में जश्न का माहौल बना हुआ है. शपथ ग्रहण से पहले रामनाथ कोविंद ने प्रेसिडेंट हाउस में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की.