झारखंड की दो राज्यसभा सीटों के लिए 23 मार्च को चुनाव होना है। इसकी अधिसूचना सोमवार को 5 मार्च को जारी हो जाएगी। राज्यसभा चुनाव को उम्मीदवार चयन को लेकर सत्तापक्ष और विपक्षी नेताओं में विचार-विमर्श का सिलसिला शुरू हो चुका है। दो सीटों के लिए होने वाले द्विवार्षिक चुनाव को लेकर एक उम्मीदवार को जीतने के लिए न्यूनतम 27 वोट चाहिए होंगे, भाजपा के पास आजसू को मिलाकर 47 विधायक हैं, जो एक सीट पर जीत के लिए आवश्यक संख्या से 20 अधिक है, ऐसी स्थिति में सत्तारुढ़ गठबंधन के नेता दोनों सीटों पर कब्जा जमाने की रणनीति बनाने में जुट गये हैं।
वहीं विपक्षी दल भी एक सीट पर जीत सुनिश्चत करने के लिए अपनी एकजुटता बनाने के प्रयास कर रहे है। 2016 के चुनाव में भी एनडीए गठबंधन ने राज्यसभा की दोनों सीटों पर कब्जा जमाने में सफलता हासिल की थी। भाजपा उम्मीदवार के रूप में मुख्तार अब्बास नकवी और महेश पोद्दार निर्वाचित हुए थे, जबकि झामुमो प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था। उस चुनाव में भी विपक्ष की ओर से दो सदस्यों के क्रॉस वोटिंग करने की बात सामने आयी थी। जिससे विपक्षी उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था। चुनाव आयोग की ओर से अप्रैल और मई महीने में रिक्त हो रही झारखंड समेत 16 राज्यों की 58 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी गयी है। इसके तहत पांच मार्च को चुनाव संबंधी अधिसूचना जारी होगी। 12 मार्च तक नामांकन दाखिल होंगे और 13 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 15 मार्च तक नामांकन वापस लिये जा सकेंगे और जरुरत पड़ने पर 23 मार्च को मतदान के तुरंत बाद मतगणना होगी। गौरतलब है कि झारखंड में राज्यसभा की दो सीट तीन मई को रिक्त हो रही है। कांग्रेस से राज्यसभा सांसद प्रदीप बलमुचू और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संजीव कुमार का कार्यकाल पूरा हो रहा है।