राजबाला वर्मा झारखण्ड के मुख्य सचिव पद से रिटायर हो चुकी हैं लेकिन उनका दरबार अब भी पहले की तरह ही सज रहा है. दरबार की रौनक घटने की बजाये बढ़ ही गयी है. एचइसी के एफ टाइप क्वार्टर में रह रही मैडम के दरबार में अधिकारी, नेता और ठेकेदार बड़ी संख्या में पहुँचते हैं. दरबार में पहुँचने वालों का काम अभी भी धडाधड हो रहा है. मैडम की तरफ से सबको बताया जा रहा है कि जल्द ही वो औपचारिक रूप से पॉवर सेंटर में होंगी.
तो क्या सचमुच राज्य सरकार में अब भी राजबाला वर्मा की ही तूती बोल रही है. क्या नए मुख्य सचिव की अब तक नौकरशाही पर मजबूत पकड़ नहीं बनी है. अमूमन मुख्य सचिव पद से हटने के बाद रिटायर अधिकारीयों को कोई पूछता नहीं है, लेकिन भाजपा प्रवक्ता, पति जेबी तुबिद इस वक़्त इनके राजनीतिक संकटमोचक बनकर उभरे हैं. बीच-बीच में मैडम के चुनाव लड़ने की खबर भी दौड़ जाती है.
बहरहाल सबके मन में सवाल है कि राजबाला वर्मा मुख्यमंत्री की सलाहकार बननेवाली थी, उसका क्या हुआ! वह प्रस्ताव अभी भी जिन्दा है या सचिवालय में ही कहीं दफ़न हो गया. सरयू राय के कई लैटर बम फोड़ने के बाद और अर्जुन मुंडा की सार्वजनिक आलोचना के बाद उम्मीद थी कि कम से कम राज्यसभा चुनाव तक तो राजबाला की एक्सप्रेस फाइल थमेगी, पर कब तक! अब तो राज्यसभा चुनाव भी हो चुके.