गुजरात चुनाव में रोजाना नए सवाल पूछकर प्रधानमंत्री को घेरने वाले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार अपने सातवें सवाल में को खुद ही घिर गए. राहुल ने इस सवाल में प्याज, टमाटर, डीजल और रसोई गैस आदि में महंगाई का आकंड़ा पेश करते हुए सवाल किया था, 'बढ़ते दामों से जीना दुश्वार, बस अमीरों की होगी भाजपा सरकार?' जैसे ही राहुल ने महंगाई का आंकड़ा पेश किया तभी से उनके आंकड़ों पर सवाल उठाए जाने लगे. ट्वीट में कांग्रेस उपाध्यक्ष ने सवाल के साथ कुछ जरूरी सामानों के दामों का एक ग्राफ भी दिया था जिसमें बताया गया था कि गैस सिलेंडर के दाम 2017 में 414 रुपये से बढ़कर 2017 में 742 रुपये हो गए. गैस के दामों में तीन साल में 179 फीसदी का इजाफा हुआ है. इसी तरह दाल के दामों में 177, टमाटर में 285, प्याज की कीमतों में 200, दूध में 131 और डीजल के दामों में 113 फीसदी का उछाल आया है. इसमें विभिन्न वस्तुओं के दामों में इजाफे को फीसदी में दिखाया गया था.
राहुल गांधी के इन तथ्यों पर विरोधी दलों ने उन्हें घेरना शुरू कर दिया. बीजेपी ने तर्क दिए कि राहुल गांधी ने गलत आंकड़े पेश किए हैं. कई जगहों पर इस मामले में कांग्रेस की किरकिरी होती दिखाई दी. सोशल मीडिया पर कांग्रेस के खिलाफ बढ़ते हमले को देखते हुए राहुल गांधी ने इस ट्वीट को हटा दिया. इसके कुछ देर बाद फिर से 7वां सवाल पूछा गया और इस बार महंगाई के चार्ट में वस्तुओं के दाम में इजाफा फीसदी में नहीं बल्कि रुपयों में दिखाया गया है.
इस बार उन्होंने रसोई के दामों में बीते तीन सालों में 179 फीसदी के इजाफे की जगह 328 रुपये की बढ़ोतरी दिखाई है. इसी तरह टमाटर के दामों में 65 रुपये और डीजल के दामों में 7 रुपये का इजाफा दिखाया है. उधर, राहुल के इस ट्वीट पर विपक्षी दलों ने कहा कि राहुल को गणित की समझ नहीं है. वह हर बार गलत आंकड़े पेश कर जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं.