झारखण्ड विधानसभा में शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को उस वक्त राज्य को शर्मसार होना पड़ा जब मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विपक्ष के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की।
हुआ यूं कि विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन सहित अन्य झामुमो सदस्यों को सदन की कार्यवाही बाधित नहीं करने को कह रहे थे ताकि जरूरी संशोधन और विधेयकों को सदन पटल पर रखा जा सके और उस पर सुचारू रूप से बहस हो सके. पर झामुमो नेता हेमंत सोरेन सरकार के स्थानीय नीति का विरोध कर रहे थे. इसी बीच मुख्यमंत्री रघुवर दास अपनी सीट से उठे और स्थानीय नीति पर सरकार का पक्ष रखने लगे.
उन्होंने कहा कि सरकार बनते ही स्थानीय नीति घोषित की गई. झामुमो की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि इनको झंडा ढोने का बहाना नहीं मिल रहा इसलिए ये लोग बौखलाए हुए हैं. और स्थानीय नीति का विरोध कर रहे हैं. इसके बाद मुख्यमंत्री की जुबान फिसल गई और उन्होंने विपक्ष को अपशब्द (गाली) दे दी. इतना सुनते ही झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने कहा कि मुख्यमंत्री सदन की मर्यादा तक भूल गए हैं और खुलेआम अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके बाद झामुमो ने सदन से वॉक आउट किया और विधानसभा अध्यक्ष से मुख्यमंत्री के विरूद्ध कार्रवाई करने की मांग की.
हाल के दिनों में मुख्यमंत्री रघुवर दास की जुबान कई बार फिसल गई है. जिससे राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया. गढ़वा में एक कार्यक्रम के दौरान एक जाति के खिलाफ टिप्पणी से सियासत गरमा गई थी.