मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपनों पर तंज क्या कसा की विपक्ष के निशाने पर आ गए. हुआ यूं कि शहर की सरकार के साथ बैठक करने के दौरान सीएम ने नगर निगम में चल रहे टेंडर विवाद पर तंज कसा. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मेयर, डिप्टी मेयर और पार्षद टेंडर-ठेका की हिस्सेदारी में ही उलझे हैं. फ़ोटो खिंचवाने और इन्स्पेक्शन में ही समय ग़ंवा रहे हैं, इससे शहर का विकास नहीं हो सकता.
जेएमएम ने मुख्यमंत्री के बयान को आड़े हाथों लिया, कहा कि राज्य के मुखिया खुलेआम जब ये बात कह रहे हैं तो यह स्पष्ट है कि रांची नगर निगम अकंठ भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है. लेकिन मुख्यमंत्री जी को यह भी बताना चाहिए कि राज्य सरकार की कौन सी कम्पनी ने उन्हें सूचित किया कि मेयर, डिप्टी मेयर सहित सभी पार्षद कमीशन खोरी में लिप्त हैं. पार्टी महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने मुख्यमंत्री से सीधा सवाल किया है कि जब उन्हें पता है कि जनता के पैसे की लूट हो रही है, तो अब तक किसी की गिरफ़्तारी क्यों नहीं हुई है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने अब तक क्या कर रही है.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने नगर विकास मंत्री सीपी सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि मंत्री ठीक से कोई काम नहीं करते जिसके कारण अब मुख्यमंत्री को ही शहर की सड़कों पर घूम-घूमकर ट्रैफ़िक व्यवस्था सुधारनी पड़ रही है. मुख्यमंत्री ने अब नया फ़रमान जारी किया है कि किस सड़क पर कितने कट होंगे, कौन सी सड़क किस दिशा की ओर जाएगी. मुख्यमंत्री रघुवर दास के क्रिया कलाप से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उनका प्रशासन और अपने मंत्रियों से पूरी तरह भरोसा उठ गया है. इसीलिए उन्होंने ट्रैफ़िक से लेकर कैबिनेट तक राज्य का पूरा ज़िम्मा ख़ुद उठा लिया है. वहीं प्रशासनिक अधिकारी बिना काम किए ही पेन्शन के रूप में तनख़्वाह ले रहे हैं. पूरे राज्य में विकास की गति धीमी पड़ गयी है. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि लगभग तीन वर्षों तक राज्य की बागडोर सम्भालने के बाद मुख्यमंत्री ट्रैफ़िक संभाल रहे हैं, इससे ये अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि जनता उनसे राज्य के विकास की और कितनी उम्मीद लगाए. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री रघुवर दास का का पूरा ध्यान सिर्फ़ आदिवासियों-किसानों की ज़मीन छीन कर उद्योगपतियों को देने पर है. राज्य के किसानों और ग़रीबों की थोड़ी सी भी चिंता नहीं है.