सांसद निशिकांत दुबे एक बार फिर चर्चा में हैं, देवघर मंदिर में पूजा अर्चना करने गए सांसद का पुरोहितों ने जमकर विरोध किया। पुरोहितों ने उन्हें पूजा नहीं करने दी, लिहाजा सांसदों को बिना पूजा किए ही वापस लौटना पड़ा।
बताया जा रहा है कि मंदिर में शीघ्र दर्शनम का शुल्क बढ़ाए जाने से पुरोहित नाराज थे। सावन और भादो महीनों को छोड़कर बाकी महीनों में कूपन की शुल्क 250 रुपए थी जिसे बढ़ाकर 500 रुपए कर दिया गया है। इसी को लेकर पुरोहित समाज के लोग धरणा दे रहे हैं। इस बीच गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे वहां पहुंचे तो पहले पुरोहितों ने उनसे अपने मुद्दे पर समर्थन करने को कहा लेकिन सांसद ने शुल्क बढ़ोतरी को लेकर जिला प्रशासन और सरकार को जायज ठहराया, इसके बाद पुरोहित भड़क गए और सांसद को बिना पूजा किए ही बाबा मंदिर से वापस लौटना पड़ा।
बताया जा रहा है कि पुरोहित समाज के लोग इस बात का विरोध कर रहे हैं कि जो शुल्क पहले से निर्धारित था। जिसके तहत सावन और भादो के महीने में 500 रुपए शुल्क लेना था और अन्य 10 महीने 250 रुपए शुल्क लेना था। उसे क्यों बदल दिया गया, उसमें क्यों बढ़ोतरी कर दी गई। कहा जा रहा है कि अब सावन और भादो में 1000 रुपए और अन्य महीनों में 500 रुपए शुल्क कर दिया गया है इसी बात का पुरोहित समाज विरोध कर रहे हैं उनका कहना है कि बाबा धाम में आने वाले ज्यादातर श्रद्धालू निम्न और मध्यम वर्गीय तबके के होते हैं इसलिए उन्हें दर्शन और पूजा करने में परेशानी होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि मंदिर को व्यावसायिकरण करने की कोशिश की जा रही है।