बिहार में हर बात पर सियासत करने की जैसे होड़ सी लग गई है। सत्तापक्ष हो या प्रतिपक्ष एक-दूसरे पर खूब बयानबाजी कर रहे हैं। अब राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और राजद नेता तेजप्रताप यादव ने राजधानी पटना में आवंटित सरकारी बंगला यह आरोप लगाते हुए खाली कर दिया है कि 'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भूतों को खुला छोड़ दिया है।
बता दें कि 3, देशरत्न मार्ग स्थित यह बंगला उन्हें राज्य की पिछली सरकार में मंत्री रहने के दौरान आवंटित किया गया था, लेकिन पिछले साल राजद, जदयू और कांग्रेस के महागठबंधन की सरकार के गिर गई। इसके बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना लिया। नई सरकार गठन के बाद पुराने मंत्रियों से सरकारी बंगले खाली करने के लिए कहा गया था, जिनमें तेजप्रताप यादव भी शामिल थे।
वहीं बंगला खाली करने के सरकारी आदेश के खिलाफ पिछले वर्ष अक्टूबर में राजद के कुछ पूर्व मंत्री पटना हाईकोर्ट पहुंचे थे, जहां आदेश पर स्टे लगा दिया गया, और इसके बाद सरकार ने बंगलों में रह रहे नेताओं को बाजार दर से बंगलों का किराया अदा करने के लिए कहा।
उधर, जदयू ने तेजप्रताप यादव के 'भूतों वाले' बयान को पब्लिसिटी स्टंट करार दिया है। जदयू ने कहा, "तेजप्रताप यादव एक्यूट अटेंशन डेफिशिएंसी का शिकार है, और वह अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव से मुकाबला करने की कोशिश कर रहे हैं, जो मीडिया की सुर्खियों में छाए रहते हैं।"
वैसे तेजप्रताप यादव को जो बंगला आवंटित किया गया था, उन्होंने उसका ज़्यादातर इस्तेमाल अपने समर्थकों से मुलाकात के लिए किया, और रात के वक्त वह उस बंगले में जाकर रहते हैं, जो पूर्व मुख्यमंत्री तथा उनकी मां राबड़ी देवी को आवंटित किया गया है।