रामगढ़ कोर्ट के फैसले के बाद गोमिया विधायक योगेंद्र महतो की विधायकी जाना एक तरह से तय है. इसके बाद क्या! पहले यह जान लेना जरुरी है कि योगेन्द्र महतो पहले आजसू के नेता थे, लेकिन चुनाव के वक़्त जब आजसू और भाजपा का गठबंधन हो गया तो यह सीट भाजपा के खाते में चली गयी. भाजपा ने कांग्रेस से बीजेपी आये माधवलाल सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया. इस वज़ह से योगेन्द्र महतो ने झामुमो का दामन थाम लिया. उन्हें झामुमो से टिकट मिला और वो तकरीबन 37000 हजार वोटों से जीत गए. 97799 वोट इन्हें मिले थे, माधवलाल सिंह को 60285 वोट ही मिले थे.
गोमिया सीट का नतीजा पिछड़े तय करते हैं. कुर्मी बहुल इस सीट से अब आजसू से लम्बोदर महतो चुनाव लड़ सकते हैं. लम्बोदर महतो क्षेत्र में काफी सक्रिय दिख रहे हैं. लम्बोदर महतो की सक्रियता को देखते हुए कभी आजसू में बेहद सक्रिय रहे गुणानंद महतो ने भाजपा में इंट्री ली है और वो भी टिकट के दावेदार माने जा रहे हैं. माधवलाल सिंह तो पहले से भाजपा में हैं. पिछड़ों की गोलबंदी देखते हुए इतना तो तय है कि वोटरों की गोलबंदी पिछड़े उम्मीदवार के साथ ही रहेगी.