बीजेपी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक दूसरे को मात देने के लिए आमदा हैं. हर रोज नए-नए सियासी पैंतरे लिए जा रहे हैं. कोशिश हो रही है कि किसी भी प्रकार अपनी सियासी जमीन मजबूत की जाए. एक-दूसरे को झटका देने की कवायद का ही नतीजा है कि ममता भी खुलेआम हिंदुत्व कार्ड के साथ सामने आ गई हैं. एक बार फिर ममता बनर्जी और बीजेपी आमने-सामने हैं, दोनों के बीच फिर से ठन गई लगती है.
नई लड़ाई तब शुरू हुई जब बंगाल पुलिस ने भाजपा की प्रस्तावित बाइक रैली जिसे पार्टी की युवा मोर्चा निकालने वाली थी कि अनुमति नहीं दी है. यह बाइक रैली 11 जनवरी से 17 जनवरी तक प्रस्तावित थी. युवा मोर्चा ने ऐलान किया था कि इस दौरान राज्यभर में इसे 'प्रतिरोध संकल्प अभियान' के रूप में मनाएंगे. यह रैली पूर्वी मिदनापोर से उत्तरी बंगाल के कूच बिहार तक निकलने वाली थी. बीजेपी ने राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाने का फैसला लिया है.
इससे पहले ममता बनर्जी की सरकार ने आरएसएस को भी ऐसी ही एक अनुमति नहीं दी थी. पिछले हफ्ते ही राज्य सरकार ने आरएसएस को हावड़ा जिले में योग शिविर आयोजित करने की अनुमति नहीं दी थी. बाद में हाई कोर्ट के फैसले के बाद आरएसएस ने 7 जनवरी को यह शिविर आयोजित किया.