बिहार में पहले से हमलावर विपक्ष ने मंगलवार को बिहार विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन सदन के अंदर और बाहर जमकर हल्ला बोला। विपक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा के बाहर सोमवार को भारत बंद के दौरान गिरफ्तार हुए लोगों की रिहाई की मांग को लेकर हंगामा किया। विपक्ष के नेता मांग कर रहे थे कि सरकार हिरासत में लिए गए लोगों की तुरंत रिहा करे। विपक्षी नेताओं का कहना था कि सरकार गरीब विरोधी और दलितों की आवाज को दबाना चाहती है। इस पर सरकार की ओर से कहा गया कि विपक्ष हिंसा के माध्यम से अपना पक्ष रखना चाहता है। हम राज्य में इस तरह की हिंसा नहीं होने देंगे। ज़ाहिर है दलित राजनीति पर क़ब्ज़े की वजह से इस सवाल को बिहार की सियासत में सभी ज़िंदा रखना चाहते हैं.
बजट सत्र के आखिरी दिन सदन के अंदर भी विपक्ष ने बालू और शिक्षा के मुद्दे पर सरकार को जमकर घेरा। सवर्ण आयोग को लेकर विपक्ष ने सरकार के सवाल पूछा कि सवर्ण आयोग का क्या हुआ। सवर्ण आयोग की अब तक क्या रिपोर्ट और क्या कुछ सिफारिशें आई। इस पर सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार दलितों और सवर्णों के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। सभी वर्गों के विकास के लिए सरकार संवेदनशील है। हर वर्ग का विकास हो, सरकार इसी दिशा में काम कर रही है। अब स्कूलों में दलितों के साथ-साथ सवर्ण जाति के बच्चों को भी छात्रवृत्ति दी जा रही है।