एक ओर रघुवर सरकार अडानी पॉवर प्लांट लगाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। वहीं दूसरी ओर विपक्ष खासकर झाविमो और झामुमो गोड्डा में प्लांट के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने की मूड में हैं। नेता प्रतिपक्ष और झामुमो प्रमुख हेमंत सोरेन ने कहा है कि सरकार किसानों की जमीन जबरदस्ती छीन रही है। उन्हें विस्थापित किया जा रहा है। रैयतों को उनके जमीन की उचित कीमत नहीं दी जा रही है। रघुवर सरकार नरेन्द्र मोदी के इशारे पर अडानी शो कर रही है। गोड्डा के किसानों का खून बहा कर बांग्लादेश को बिजली देने की तैयारी की जा रही है।
वहीं दूसरी ओर झाविमो ने भी इस मामले पर सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है बल्कि यूं कहें कि अपने आंदोलन को और तेज कर दिया है। झाविमो नेता प्रदीप यादव पहले ही इस मुद्दे पर जेल जा चुके हैं और अभी- अभी छुट कर आये हैं।
पार्टी प्रवक्ता योगेन्द्र प्रताप सिंह का कहना है कि पार्टी इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचा कर रहेगी। पार्टी नेता प्रदीप यादव के नेतृत्व में 1 नवम्बर से ही करांव प्रखंड से गोड्डा पॉवर प्लांट के विरुद्ध आन्दोलन की शुरुआत हो चुकी है जो पूरे संथाल में चलेगी और 6 नवम्बर को खत्म होगी। लेकिन यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक किसानों को न्याय नहीं मिल जाता। श्री सिंह ने सरकार पर आरोप लगाया कि जनता की गाढ़ी कमाई से भाजपा सरकार मोमेंटम झारखण्ड और झारखण्ड माइनिंग शो कर रही है जिसका एक मात्र मकसद राज्य के खदानों पर उद्योगपतियों को कब्ज़ा दिलाना है।
इससे झारखण्ड के युवाओं का विकास नहीं होगा बल्कि भाजपा अपना विकास कर रही है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री जन भावना के अनुरूप नहीं, उद्योगपतियों के हित में कर रही है।