शराबबंदी को लेकर भले ही पूरा विपक्ष नीतीश सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहा हो, बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर उनपर हमला कर रहा हो। लेकिन शराबबंदी के दो साल पूरा होने के मौके पर उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हम सिर्फ वोटरों की चिंता नहीं करते। हम सभी लोगों की चिंता करते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी के चलते समाज में बड़ा बदलाव हुआ है। लाखों लोगों की जिंदगी सुधर गई है, लेकिन विपक्ष को यह नहीं दिखता।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जब मैं आठवीं क्लास का छात्र था तभी से अखबार पढ़ने की आदत है। अकेले में अखबार पढ़ता हूं और कई बार कुछ नेताओं के अजीब बयान पढ़कर हंसता हूं। वे लोग कह रहे हैं कि शराबबंदी के केस में एक लाख से अधिक लोग बिहार के जेल में बंद हैं। मुझे उनकी जानकारी पर हंसी आती है। बिहार के सभी जेलों को मिला दिया जाए तब भी एक लाख लोगों को कैद करने की जगह नहीं है।
नीतीश ने कहा कि विपक्ष को जेल में बंद शराब पीने वालों, शराब बेचने वालों और शराब का कारोबार करने वालों की चिंता है, लेकिन वे उन लोगों की ओर नहीं देखते जिनकी जिंदगी शराबबंदी के बाद अच्छी हो गई। शराबबंदी से लाखों परिवार को फायदा हुआ है।
इस मौके पर सीएम ने शराबबंदी के संबंध में दर्ज केस का ब्योरा दिया। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में शराब पीने या बेचने के मामले में 6 लाख 82 हजार 570 छापेमारी की गई है। पुलिस ने 1 लाख 5 हजार 954 केस दर्ज किया है। पिछले दो साल में 1 लाख 84 हजार लोगों की गिरफ्तारी हुई। पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम ने पिछले दो साल में 11 लाख 70 हजार देशी और 17 लाख विदेशी शराब जब्त किया है।