-यज्ञ में पहुंचे नीतीश कुमार, पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ नहीं साझा किया मंच
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार (4 अक्टूबर) को स्वामी रामानुजाचार्य की 1000वीं जयंती पर सूबे के आरा में धार्मिक महोत्सव में हिस्सा लेने पहुंचे और उसी महोत्सव में संघ प्रमुख मोहन भागवत भी पहुंचे। लेकिन दोनों एक वक्त पर मंच पर मौजूद नहीं रहे। दोनों ने अलग-अलग समय में महोत्सव में हिस्सा लिया। दोनों के समारोह में पहुंचने का फासला करीब 75 मिनट का था। सीएम नीतीश जहां 2:30 बजे समारोह में पहुंचे वहीं संघ प्रमुख 3:45 बजे पहुंचे। संघ प्रमुख इस समारोह में राजनीतिक बयानों से बचते नजर आए।
वहीं नीतीश कुमार और भाजपा के वैचारिक संगठन आरएसएस प्रमुख के एक ही कार्यक्रम में भाग लेने पर प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद को कभी 'संघ मुक्त भारत' की बात करने वाले नीतीश पर हमला बोलने का अवसर मिल गया।
आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद ने सीएम नीतीश पर तंज कसते हुए कहा, ‘नीतीश ने चालाकी दिखाते हुए मोहन भागवत के साथ मंज साझा नहीं किया। लेकिन अब ये कैसे हो सकता है। जबकि नीतीश ने पूर्व में संघ मुक्त भारत का नारा दिया था लेकिन खुद भाजपा के साथ मिलकर अब संघ के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं।’
इससे पहले बीते सोमवार को आरजेडी चीफ लालू यादव ने भी नीतीश के संघ मुक्त भारत अभियान पर निशाना साधते हुए कहा था कि मुंह में राम और दिमाग में नाथूराम, तभी तो बना पलटूराम।
वहीं समारोह में पहुंचे सीएम ने कहा श्री रामानुजाचार्य जी महाराज ने 1000 साल पहले जो संदेश दिया था उनका यह संदेश 1000 साल बाद भी इतने लाखों लोगों तक पहुंचा। यह कोई साधारण बात नहीं है। नीतीश ने कहा कि परम पूज्य त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के शिष्य श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी के द्वारा इतना बड़ा धार्मिक उत्सव कराया गया है, इसके लिये मैं इनको नमन करता हूं। उन्होंने संतों से बिहार को आशीर्वाद देने की अपील करते हुए प्रदेश सरकार द्वारा शराबबंदी के बाद बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ छेडे गए अभियान का जिक्र किया और कहा कि इस मंच से जो संदेश जायेगा, वह बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के विरूद्ध एक महत्वपूर्ण कदम होगा और मजबूती से लागू होगा और अंततः कामयाबी मिलेगी। इसके साथ ही देश के अन्य राज्यों में भी इसका असर पड़ेगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि खराब परिस्थिति में भी जो धैर्य धारण करते हैं उनका विकास निश्चित है। उन्होंने समाज से जाति के आधार पर भेदभाव समाप्त किए जाने पर जोर दिया। भागवत ने स्वच्छता पर जोर देते हुए कहा कि घर और उसके आसपास के इलाके को साफ रखने से अंतत: विश्व का कल्याण होता है।
आपको बता दें कि भोजपुर का आरा शहर इन दिनों आस्था का केन्द्र बना हुआ है। इस आस्था में डूबकी लगाने देश-विदेश के संत और महात्मा तो पहुंचे हुए हैं ही, साथ ही साथ राजनैतिक दल के नेता भी इस मंच का उपयोग अपने-अपने विचारों को रखने के लिए कर रहे हैं। समारोह में सिर्फ बिहार से एक करोड़ लोगों के पहुंचने की खबर है। महायज्ञ का आयोजन श्री जीयर स्वामी जी महाराज ने किया था।