आज समय बदला है, कुशवाहा समाज अब राष्ट्रवाद की ओर झुका है। अब जाति की राजनीति में अपने आप को बांधकर रखना नहीं चाहता, देश भक्ति और राष्ट्रवाद एक बड़ा मुद्दा है। जो जाति से कहीं ऊपर है। इस समाज के लोग राष्ट्रीय फलक पर नरेंद्र मोदी को अशोक की तरह देखने लगे हैं, और एक बड़ा तबका बीजेपी की ओर टकटकी लगाया हुआ है। जब कुशवाहा समाज की ग्राउंड रियलिटी टेस्ट करने के लिए इस समाज के बड़े नेताओं से बातचीत की गई तो अलग-अलग विचारधारा सामने आई। बीजेपी के एमएलसी और संगठन महासचिव रहे सूरज नंदन कुशवाहा एक अलग अंदाज में अपने समाज को देखते हैं। उनका मानना है कि हमारा समाज देशहित, राष्ट्रवाद और विकास की राजनीति अच्छी तरह समझने लगा है, और इसकी समझ को भ्रमित करने वाले नेताओं की दाल अब गलने वाली नहीं है।
स्वाभिमान के मुद्दे पर हमारे समाज में कभी समझौता नहीं किया गया। उनका मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस समाज का सम्मान बढ़ाया है। उपेंद्र कुशवाहा को केंद्रीय मंत्रिमंडल में अच्छे पद से नवाज कर कुशवाहा समाज को काफी प्रतिष्ठा दी है। इसलिए आगे भी हमारा समाज प्रधानमंत्री के सबका साथ सबका विकास वाले फार्मूले पर चलेगा और उनका साथ देगा। सूरज नंदन कुशवाहा बीजेपी से ताल्लुक रखते हैं। कुशवाहा समाज के प्रगतिशील विचारक हैं, उनका स्पष्ट मत है कि कुशवाहा समाज को अपने निहित स्वार्थों के कारण कोई नेता इस्तेमाल नहीं कर सकता।
हमारी अपनी विचारधारा है, हम अपना भला बुरा समझते हैं, हमें जलाने की कोशिश करने वाले नेता मुंह की खाएंगे। विकास की बात हमें अच्छी तरह समझ में आ गई है। नरेंद्र मोदी ने हमें जो हिस्सेदारी दी है सम्मान दिया है। उससे हम संतुष्ट हैं। हम अपने दिलों में प्रधानमंत्री को सम्राट अशोक की तरह मानते हैं। सूरज नंदन दावा करते हैं बीजेपी ने ही सबसे अधिक सम्मान कुशवाहा समाज को दिया है।
समाज के नेताओं को भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी। विधानसभा, विधानपरिषद से लेकर लोकसभा, राज्यसभा यहां तक के संगठनों में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर बीजेपी ने हमारे समाज को सम्मानित किया है। कुशवाहा समाज शहीद जगदेव प्रसाद कुशवाहा के क्रांतिकारी विचारों और उनकी विरासत को लेकर आगे बढ़ेगा और समाज के हित के लिए काम करेगा।
उनकी विचारधारा को गलत तरीके से परिभाषित करना, यह हमारे समाज के लिए ठीक नहीं है। हमें दुख है कि कुछ नेता जगदेव प्रसाद को भी अपनी मल्कियत समझते हैं और उनके विचारों को उनकी सही तरीके से समाज में पेश नहीं करते। सूरज नंदन बताते हैं कि हमारा समाज लालू प्रसाद के साथ जाने की कभी सोच नहीं सकता क्योंकि उनके कुकृत्यों के कारण समाज में गलत संदेश गया है। इसलिए राजनीति में कुशवाहा का सम्मान बीजेपी और एनडीए के साथ है।