बेटी बचाओ का नारा देने वाले मोदी क्या महिला आरक्षण बिल लाने की हिम्मत दिखाएँगे! इस विषय पर कांग्रेस ने बड़ी रणनीति के तहत पीएम मोदी को घेरने की कवायद शुरू की है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जहां विदेशी धरती से देशी मुद्दे उठाकर मोदी पर एक के बाद एक कई वार किए हैं, तो वही दूसरी ओर सोनिया गांधी ने भी महिला आरक्षण बिल पर मोदी को चिट्ठी लिखकर घेरा है।
सोनिया गांधी ने गुरुवार को महिला आरक्षण बिल को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्टी लिखी, जो उनका मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है।प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में सोनिया ने कहा है कि 2010 में राज्यसभा में हमारे पास बहुमत था और हमने वहां महिला आरक्षण बिल पास किया। अब लोकसभा में आपके पास बहुमत है, आप वहां इस बिल को पास कराइए, कांग्रेस आपका साथ देगी। पर ध्यान रहे कि पिछली कई सरकारों को इस विधेयक के चक्कर में अपनी सत्ता भी गंवानी पड़ी है।ऐसे में अब देखना होगा कि मोदी इस बिल को लोकसभा में कैसे पास कराते हैं?
पीएम नरेंद्र मोदी के सामने महिला आरक्षण बिल किसी चुनौती से कम नहीं है।तीन साल में पहली बार मोदी के सामने ऐसा मुद्दा है, जहां उन्हें अपनी काबिलियत साबित करनी होगी। देवगौड़ा और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार इसी बिल के चक्कर में गिर चुकी हैं। ऐसे में पहली बार एक विवादित मुद्दे पर मोदी को अपना स्टैंड दिखाना होगा।
सोनिया गांधी ने पत्र लिखकर महिला आरक्षण बिल को एक तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पाले में डाल दिया है। मोदी एक तरह से इस बिल को लेकर फंस गए हैं, जहां वो न इंकार कर सकते हैं न इकरार। मोदी लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को पास कराने के लिए आगे कदम बढ़ाते हैं, तो ओबीसी और दलित नेता उनके विरोध में हो जाएंगे।
मायावती, लालू, मुलायम और शरद यादव जैसे नेता तो पहले से ही बीजेपी को दलित-ओबीसी विरोधी पार्टी बताते रहे हैं और इस बहाने उन्हें अपनी राजनीतिक धारा को दोबारा मजबूत करने का मौका मिल जाएगा। मोदी अगर कदम नहीं बढ़ाते हैं तो महिला विरोधी होने का तमगा उनके माथे पर मढ़ दिया जाएगा।
अगर पीएम नरेंद्र मोदी महिला आरक्षण बिल को लोकसभा से पास कराने में सफल हो जाते हैं, तो देश की राजनीतिक तस्वीर बदल जाएगी। जिस प्रकार आज पंचायत और नगर निकाय चुनाव में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बड़ा है। उसी प्रकार लोकसभा और विधानसभा में भी महिलाओं की भागीदारी दिखेगी।
पीएम मोदी ने तीन तलाक के खिलाफ स्टैंड लिया और कायम रहे। इसी का नतीजा रहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को बैन कर दिया है,इसके अलावा उज्ज्वला योजना के जरिए फ्री में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया। इसका लाभ सभी समुदाय की महिलाओं को मिला, जिससे मोदी की काफी वाहवाही हुई, लेकिन अब महिला आरक्षण बिल को लेकर कांग्रेस ने उन्हें घेरने की कवायद की है। अब ये देखना होगा कि मोदी महिला आरक्षण बिल को लेकर क्या स्टैंड लेते हैं।