बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने भले ही महागठबंधन के आंगन में होली खेलते दिखे लेकिन उनके साथी और हम के वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह कई अन्य वरिष्ठ साथियों के साथ आज पटना में मीडिया से रूबरू हुए. उन्होंने ताल ठोक कर कहा कि हम के अधिकांश नेता एनडीए के साथ हैं. उन्होंने मांझी पर सियासी विश्वासघात का आरोप लगाया और कहा कि राजद के साथ जाने का फैसला पार्टी का नहीं, उनका व्यक्तिगत फैसला है. नरेन्द्र सिंह ने कहा कि पार्टी के अधिकांश कार्यकर्ता और पदाधिकारी एनडीए में ही रहना चाहते हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि हम एनडीए में था, है और रहेगा.
पत्रकारों से बात करते हुए हम नेता नरेन्द्र सिंह ने पार्टी के दलित प्रकोष्ठ के सभी पदाधिकारियों की मीडिया परेड भी कराई और कहा कि ये लोग ही असली नेता हैं. नरेन्द्र सिंह ने कहा कि इन्हीं नेताओं ने जीतनराम मांझी को प्रोजेक्ट किया, नेता बनाया, लेकिन मांझी ने बिना किसी पदाधिकारी से बात कर राजद के साथ जाने का फैसला व्यक्तिगत स्तर पर कर लिया. यह राजनीतिक धोखा है. उन्होंने कहा कि केवल अपने स्वार्थ के लिए मांझी राजद के साथ चले गए. नरेन्द्र सिंह जल्द ही कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की बैठक बुलाकर पुनः पार्टी के पदाधिकारियों का चुनाव करायेंगे. जिसमे नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जायेगा.
हालाँकि जीतनराम मांझी के एक निकटवर्ती सूत्र ने कहा कि जदयू के इशारे पर नरेंद्र सिंह ऐसा बोल रहे हैं. नरेंद्र सिंह जदयू में जाने का रास्ता बना रहे हैं, वह हम को जदयू में मर्ज करना कहते थे. इनका कहना है कि आज भी मांझी पार्टी के अध्यक्ष हैं, सभी पदाधिकारी उनके साथ हैं, उन्होंने अपमानित होकर एनडीए छोड़ने का सामूहिक फैसला लिया. महागठबंधन में आने से हम का सम्मान बढ़ा है. नरेन्द्र सिंह नीतीश कुमार के इशारे पर पार्टी के कुछ नेताओं को भ्रमित कर रहे हैं.
इस रस्साकसी के बीच अब यह देखना दिलचस्प होगा कि खुद मांझी मीडिया से क्या कहते हैं और हम के पदाधिकारी आनेवाले दिनों में किस ओर जाते हैं.