पश्चिम बंगाल में हुए उपचुनाव ने एक बार फिर ये साबित कर दिया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सियासी जमीन मजबूत है। और बीजेपी को ममता को शिकस्त देने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। राज्य में एक लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में टीएमसी ने जीत दर्ज करके ये साबित कर दिया। लेकिन इन सब के बीच ममता की अशंका भी सच साबित हो गई कि उन्हें अब बंगाल में लड़ाई बीजेपी से ही है। इसलिए उन्हें अपनी रणनीति को उसी हिसाब से अमलीजामा पहनाना होगा। क्योंकि 2014 के बाद से राज्य में बीजेपी जिस प्रकार अपना प्रदर्शन कर रही है उससे यह लगभग साफ हो गया है कि राज्य में दो नंबर की पार्टी वही है।
बंगाल में नवपाड़ा विधानसभा सीट पर हुई उपचुनाव में टीएमसी उम्मीदवार सुनील सिंह ने भारी मतों से जीत दर्ज की है। उन्हें एक लाख से ज्यादा वोट मिले। दूसरे नंबर पर बीजेपी के संदीप बनर्जी को 38,711 मत मिले। ध्यान देने वाली बात ये है कि बीजेपी को सीपीआई (एम) से ज्यादा वोट मिले हैं। सीपीएम 35497 मतों के साथ तीसरे नंबर पर रही।
उलुबेरिया लोकसभा सीट पर भी टीएमसी ने जीत दर्ज की है। टीएमसी ने दिवंगत नेता सांसद सुल्तान अहमद की पत्नी सजदा अहमद चुनाव को मैदान में उतारा था। उन्होंने 4 लाख 70 हजार वोटों जीत हासिल की है। पर बीजेपी प्रत्याशी अनुपम मलिक, सीपीएम और कांग्रेस को पीछे छोड़ते हुए दूसरे स्थान पर रहे। बीजेपी के लिए भले ही ये हार रही हो, लेकिन यह हार में छिपी जीत मानी जा रही है।