उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने लालू परिवार पर लगे आरोपों में चल रही पूछताछ को लेकर कहा की जांच एजेंसियों की कार्यवाही के बाद लालू प्रसाद कहते थे कहां पड़ा है छापा? छापेमारी की जगह और ठिकाने का खुलासा होने के बाद उनकी दलील थी कि क्या कोई एफआईआर दर्ज हुई है? जब एफआईआर दर्ज हो गई तो डर के मारे पूछताछ के लिए जाने से कतराने लगे। फिर गिरफ्तारी की नौबत आने पर डर से पूछताछ के लिए गए।
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अब जब ईडी ने लारा प्रोजेक्ट की 3 एकड़ जमीन जप्त कर ली है तो लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव पूछ रहे हैं कहां है चार्जशीट? दरअसल लालू परिवार के खिलाफ ईडी, आईटी, सीबीआई के पास इतने पुख्ता सबूत है कि केवल चार्जशीट ही दाखिल नहीं होगा, बल्कि सभी को जेल भी जाना होगा और सजा भी होगी।
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि चार्जशीट दाखिल होने का इंतजार करने की जगह तेजस्वी यादव को बताना चाहिए कि बिना किसी वाजिब कमाई के आखिर 28 साल की उम्र में जिस 3 एकड़ जमीन पर 750 करोड़ का बिहार का सबसे बड़ा मॉल बन रहा था वह उसके मालिक कैसे बन गए? सच तो यह है कि जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे तो रेलवे के दो होटलों के एवज में कोचर बंधुओं से वह जमीन प्रेम चंद्र गुप्ता की कंपनी डिलाइट मार्केटिंग के नाम पर लिखवाई गई फिर बाद में मात्र 4 लाख रूपय की पूंजी लगाकर राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के नाम से उक्त जमीन और पूरी कंपनी को हासिल कर लिया गया। उन्होंने कहा आखिर प्रेम चंद्र गुप्ता ने अपनी कंपनी और पटना शहर के प्राइम लोकेशन की करोड़ों की जमीन लालू परिवार को क्यों सौंप दिया। अगर तेजस्वी यादव के पास जवाब होता तो उन्हें अपनी कुर्सी नहीं गवानी पड़ती।