विधानसभा अध्यक्ष के आज के फैसले के खिलाफ झारखंड विकास मोर्चा उच्च न्यायालय का रुख करेगी। विधानसभा न्यायाधीकरण द्वारा जेबीएम के सिंबल पर लड़े 6 विधायकों के भाजपा में जाने के फैसले को सही ठहराए जाने को विपक्ष ने लोकतंत्र की हत्या कहा है और इसे दबाव में लिया गया फैसला बताया है।
झाविमो की ओर से कहा गया है कि स्पीकर ने दल बदल के आरोपी विधायकों के तर्को को आश्चर्यजनक रूप से सही मान लिया है। स्पीकर द्वारा अपने 3 पेज के फैसले में यह कहा गया है कि झाविमो विधायक दल का विलय भाजपा में हुआ जबकि जेवीएम का कहना है कि बिना केंद्रीय अध्यक्ष की अनुमति के ऐसी बैठक हो ही नहीं सकती।
जेवीएम के कई नेताओं ने इस फैसले के खिलाफ जनता की अदालत में जाने की बात की है और पोल खोल अभियान चलाने की बात की है। स्पीकर का यह फैसला कई लोगों के गले नहीं उतर रहा। तकनीकी तर्कों का संसार रचकर यह फैसला करते हुए इस बात का ख्याल जरूर रखा गया कि फैसला देने में ज्यादा देर की जाए ताकि हाई कोर्ट जाने के लिए पार्टी के पास बहुत वक़्त ना बचे।
अपना फैसला देने के पहले स्पीकर ने फेसबुक पर शिवाजी महाराज की पंक्तियां उद्धृत की, तभी सबको यह संकेत मिल गया था कि फैसला किधर रुख कर रहा है। हालांकि सुनवाई के दौरान उनके रुख से कई बार 6 विधायकों में अफरातफरी देखी गयी थी।