देश में युवा हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा से लोहा मनवा रहे हैं। पूरी दुनिया में भारत के युवाओं ने अच्छी छवि बनायी है। इसलिए युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है। वे खुद को पहचानें और देशहित के काम में जुट जायें। एबीवीपी युवाओं में लीडरशिप को निखारने का काम कर रही है। ये बातें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मोहराबादी मैदान में एबीवीपी के 63 वें राष्ट्रीय अधिवेशन के उद्घाटन के मौके पर कही।
श्री नड्डा ने कहा कि एबीवीपी के अधिवेशन में आने वाले को जीवन जीने का रास्ता मिल जाता है। कोई भी व्यक्ति अगर संगठन से जुड़ता है, तो उसके तीन कारण होते हैं, पहला बाई च्वाईश, दूसरा बाई चांस और तीसरा बाई एक्सीडेंट। ज्यादा लोग बाय एक्सीडेंट एबीवीपी से जुड़ते हैं। लेकिन आप जिस किसी भी रूप में एबीवीपी में आये हैं मैं विश्वास के साथ कह रहा हूं कि आप सही जगह आये हैं। उन्होंने अपनी निजी जिदंगी के बारे में बताते हुए कहा कि मैं बहुत ही शर्मिला और क्लास में चुपचाप बैठा करता था। हमेशा एकला चलो की बात पर चलने वाला था। कुछ पुराने मित्र यहां बैठे हैं, जो यह जानते हैं। लेकिन एबीवीपी से जुड़ने के बाद मेरा जीवन बदल गया। अब हमारे ऊपर डिपेंड करता है हम कितना अपने आपको बदलते हैं और देश के लिए काम कर सकते हैं। उन्होंने एबीवीपी से जुड़ी कई यादों को साझा किया। उन्होंने कहा कि एबीवीपी के कार्यक्रम में आकर ऐसा महसूस कर रहा हूं कि घर आया हूं। उन्होंने कहा कि मेरे जीवन के 10 साल एबीवीपी में ही गुजरे हैं।
उन्होंने कहा कि आज से 30 साल पहले भी यही एबीवीपी उत्कृष्ट हुआ करता था और आज भी एबीवीपी छात्रों का नम्बर वन संगठन है। हमारे समाज मे एक ट्रेंड है जिस ओर युवा बढ़ने लगते हैं। उस ओर सभी युवा बढ़ने लगते हैं। समाज के लोग जिस ओर बढ़ते है तो युवा भी उधर ही बढ़ते हैं। पर आप जहां भी रहें राष्ट्र भक्ति के लिए जो भी काम करना है वह किसी के कहने पर नहीं करे। अपने समझ से काम करें। उन्होंने कहा कि युवाओं को बिना पतवार का नाव नहीं बनना चाहिए। अपने अंदर की प्रतिभा को पहचानकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र में काम करने का मौका मिला है। प्रधानमंत्री छोटी -छोटी बातों पर काम कर रहें है। इसी युवा से आशा है कि हम आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने देश के विकास के लिए कई योजनायें और कार्यक्रमों की शुरुआत की है। स्किल इंडिया से युवाओं को हुनरमंद बनाया जा रहा है. इसके साथ ही जनधन योजना, स्टार्ट–अप इंडिया, मुद्रा योजना सहित अन्य योजनाओं पर युवा ध्यान दें जिससे देश के विकास की गति तेज हो। उन्होंने कहा कि एबीवीपी ने शिक्षा नीति के लिए लगातार काम किया है। शिक्षा के मूल बदलाव में भी एबीवीपी का योगदान है। शिक्षा में परिर्वतन के लिए एबीवीपी के द्वारा दिये गये सुझाव को सरकार लागू करेगी। उन्होंने कहा कि भारत को स्वास्थ्य के क्षेत्र में आगे बढ़ाना है, तो इसमें भी युवाओं को सहयोग करने की जरुरत है।
इस अवसर पर अन्तरराष्ट्रीय कुश्ती खिलाड़ी योगेश्वर दत्त ने कहा कि चाणक्य के लिए सबसे पहले देश था। देश ताकतवर होगा तभी हम ताकतवर होंगे। उन्होंने कहा कि युवाओं का देश है भारत। सबसे पहले देश है। इस मिट्टी पर जन्म लिया है इसलिए हम सभी कर्जदार हैं इस मिट्टी के। सबसे पहले दिल और दिमाग मे हिंदुस्तान रहे। बच्चों के दिमाग में हिंदुस्तानी होने का ध्यान रहे। उन्होंने कहा कि 52 सकेंड के वंदे मातरम बोलने पर देश में कई लोगों को दिक्कत होती है। नेता, खिलाड़ी डाक्टर, इंजीनियर को भी पहले देश के बारे में सोचना चाहिए। आप मजबूत होंगे तो देश समाज भारत बढ़ेगा। देश ताकतवर होगा तभी हम आगे बढ़ेंगे।मौके पर राष्ट्रीय महामंत्री विनय विदरे ने कहा कि एबीवीपी राष्ट्र निर्माण के लिए लगातार काम कर रहा है। एबीवीपी का अधिवेशन यह एक वैचारिक उत्सव है। इस राष्ट्रीय अधिवेशन को हम वैचारिक अधिवेशन कह सकते है। एबीवीपी के सदस्य ने भाग लिया और देश को तोड़ने वालों को कड़ा संदेश दिया। एकता अखण्डता को तोड़नेवाली विचारधारा की स्थान भारत मे नहीं है देश के संविधान के विरोधियों को उखाड़ फेंकने का समय आ चुका है।