झारखंड कांग्रेस में इन दिनों नया करने के नाम पर सब कुछ उल्टा पुल्टा हो रहा है. पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी में नॉमिनेट करने के सवाल पर, फिर राज्यसभा चुनाव में वोटिंग के सवाल पर और अब प्रदेश मीडिया कमेटी के सुनील सिंह को धमकी देने के सवाल पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉक्टर अजय बुरी तरह फंसते दिख रहे हैं.
दरअसल पुलिस अफसर की पृष्ठभूमि से झाविमो के जरिए कांग्रेस की राजनीति में आए डॉ अजय संगठन के आदमी नहीं हैं. वह दिल्ली से पैराशूट से रांची में गिरे जरूर हैं लेकिन इतनी आपाधापी में हैं कि अच्छा करने के चक्कर में कांग्रेस संगठन का बहुत नुकसान हो रहा है. कई दशकों बाद यह भी पहली बार हुआ है कि कांग्रेस का कोई नेता अपने प्रदेश अध्यक्ष पर धमकी देने का आरोप लगाए और यह मामला थाना पहुंच जाये. सुनील सिंह कह रहे कि उन्हें जान का खतरा है. जबकि डॉक्टर अजय ने साफ-साफ कहा है कि उन्होंने कोई धमकी नहीं दी है. रांची के मोराबादी मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में कथित धमकी की घटना हुई है, वहां सुबोधकांत सहाय जैसे बड़े नेता भी मौजूद थे. अभी सुबोधकांत सहाय चुप हैं. अब सच तो तभी सामने आएगा, जब कोई और नेता कुछ बोलेगा, मगर किसी राष्ट्रीय संगठन का आंतरिक मामला थाने तक पहुंच जाना कहीं से उचित नहीं है.