राजनीति में अभद्रता की सीमा लांघी जा रही है, राजद और उनके नेता लालू प्रसाद गालियां दे रहे है। यह सब मीडिया में अटेंशन पाने के लिए है। हमने तय किया है कि अब हमारी पार्टी उनकी गालियों का जवाब नहीं देगी। नीतीश ने कहा कि लालू बिना जानकारी के ही कुछ भी बोल देते हैं। हमने कभी घटिया शब्दों का प्रयोग नहीं किया। ऐसे शब्दों का इस्तेमाल मेरे स्वभाव में नहीं है। आज तक ऐसे शब्द का कभी इस्तेमाल नहीं किया। हम तो गाली देते नहीं है। हम सिर्फ सुनने वाले हैं। प्रवक्ताओं को भी बोल दिया है कि ऐसी बातों पर कुछ बोलना नहीं है। किसी मुद्दे पर डिबेट करना है तो ठीक है, लेकिन व्यक्तिगत रूप से अपशब्दों का प्रयोग ठीक नहीं है।
लालू के भूरा चूहा संबंधी बयान पर नीतीश ने कहा कि यह उन्हें ही मुबारक हो। लालू को छात्र राजनीति से ही पता है कि कैसे मीडिया में जगह मिलती है। विधानसभा चुनाव में जनता ऐसे लोगों को जवाब देगी। नीतीश कुमार लोक संवाद कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात कर रहे थे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुटकी लेते हुए कहा कि पता नहीं राजद किस संविधान के तहत चलती है कि हर साल राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चुनाव होता है। 2016 में ही चुनाव हुआ था फिर 2017 में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए लालू ने नामांकन किया। राजद पार्टी नहीं है लालू के परिवार की संपत्ति है। उनके अलावा थोड़े ही पार्टी में कोई दावेदार है।
नीतीश कुमार ने कहा कि तेजस्वी को उनके अपने ही पिता लालू यादव ने फंसा दिया और उनकी ही वजह से उसका कैरियर गड़बड़ा गया है। उन्होंने तेजस्वी को बच्चा बताते हुए उसके किसी बात को गंभीरता से नहीं लेने की बात कही।