-कांग्रेस में इंट्री ना मिली पूर्व मुख्यमंत्री को
-राहुल से कोई उम्मीद नहीं : डॉ जगन्नाथ मिश्रा
कई बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे कद्दावर ब्राह्मण नेता डॉ. जगन्नाथ मिश्रा का दर्द जुबान से छलक ही उठा। हालांकि लम्बे अरसे से कांग्रेस से बाहर हैं डॉ. जगन्नाथ लेकिन उनका कांग्रेस प्रेम पार्टी की दुर्दशा देखकर बीच-बीच में बोल उठता है। दिल्ली में कुछ मीडिया वालों से बातचीत में इन्होने कहा कि कांग्रेस में लोकतान्त्रिक परम्परा खत्म हो रही है। यहाँ अब चुनाव नहीं, मनोनयन से सबकुछ तय होता है। बोलते- बोलते डाक्टर साहेब (अपने लोगों के बीच जगन्नाथ मिश्र को लोग डाक्टर साहेब के नाम से पुकारते हैं) यहाँ तक कह गए कि राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की बातें हो रही हैं, लेकिन उनका भी मनोनयन ही होगा। राहुल के अध्यक्ष बनने से भी कांग्रेस में किसी बदलाव की उम्मीद नहीं है।
डॉ जगन्नाथ मिश्रा ने कहा कि सीताराम केसरी के बाद से ही कांग्रेस में चुनाव की परम्परा खत्म हो गयी है। उन्हें हटाए जाने के बाद सबकुछ नॉमिनेशन से ही हो रहा है। यह बेहद दुखद है। कांग्रेस के लालूकरण के आरोपों पर डाक्टर साहेब ने कहा कि इस पार्टी की यह दशा लालू के कारण ही हुई है। उन्होंने कहा कि लालू के चलते ही उनकी पार्टी से दूरी बढ़ी और अंततोगत्वा उन्हें कांग्रेस छोडनी पड़ी। लालू से काफी खफा दिखे डॉ जगन्नाथ मिश्रा।
डॉ जगन्नाथ मिश्रा कांग्रेस के सबसे लोकप्रिय और जनाधार वाले नेताओं में शुमार थे। उनके बाद पार्टी फिर कभी बिहार की सत्ता में नहीं आई। इसलिए पिछली बार जब सदानंद सिंह कांग्रेस अध्यक्ष बने तो उन्होंने डॉ साहेब के ससम्मान वापसी की कोशिशें की। अभी भी जगन्नाथ मिश्र समर्थकों का एक बड़ा वर्ग उन्हें पार्टी में लाने का हिमायती है। ऐसे में इन्होने केन्द्रीय नेतृत्व के खिलाफ क्यों बोला, यह इनके समर्थकों को भी रास नहीं आ रहा है।