पशुपालन घोटाला के दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले मे बरी होने के बाद दिल्ली जा रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र और पशुपालन घोटाला उजागर करने वाले झारखंड के मंत्री सरयू राय की मुलाक़ात रांची हवाई अड्डा के वीआईपी कक्ष में हुई। दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई। डॉ मिश्र दुमका मामले में बरी होने से खुश थे। उन्होंने व्यंग्य-विनोद में सरयू राय से कहा कि यह सब आप ही के कारण हो रहा है, यह स्थिति आपके ही वजह से बनी है, आपलोगों ने ही यह मामला उठाया था।
डॉ मिश्र ने श्री राय से पूछा कि जस्टिस शिवराज सिंह के कोर्ट ने महालेखाकार को अभियुक्त बनाने के लिये अब नोटिस जारी किया है। यह मामला आपलोगों के ध्यान में क्यों नहीं आया। श्री राय ने उन्हें बताया कि यह विषय 1996 में चारा घोटाला की सीबीआई जांच की मॉनिटरिंग कर रही पटना हाईकोर्ट की बेंच में भी उठा था। इसका ज़िक्र सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के समय भी हुआ है और बिहार विधान परिषद में भी 2003 में इस पर लंबी बहस हो चुकी है। इस विषय का विस्तार पहले ही हो चुका है। इसलिए इसमें कोई दम नहीं है। सीबीआई के वक़ील को इस बारे में न्यायालय को सूचित करना चाहिए था।
श्री राय ने डॉ मिश्र को बताया कि मैं पशुपालन घोटाला पर एक तथ्यपरक पुस्तक तैयार करने जा रहा हूं जिसमें आपके विचार उपयोगी हो सकते हैं। इसमें लालू प्रसाद के पक्ष का विश्लेषण भी रहेगा। इस दौरान दोनों के बीच पुराने समय की बातों पर भी चर्चा हुई।