राजद नेता तेज प्रताप यादव ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री और उपमुख्यमंत्री को लेकर जो विवादित बयान दिए, उसे लेकर तरह-तरह की बात कही जा रही है. सुशील मोदी समेत कई भाजपा नेताओं ने इस बयान पर कहा कि तेज प्रताप यादव अवसाद में हैं, लेकिन एक पक्ष कह रहा है कि कहीं तेजस्वी यादव को राजनीतिक रुप से पीछे धकेलने के लिए तो तेजप्रताप ने ऐसा बयान नहीं दिया! क्योंकि जब से तेज प्रताप ने प्रधानमंत्री की चमड़ी उधेड़ने और उपमुख्यमंत्री के घर में घुसकर मारने जैसी भाषा का इस्तेमाल किया है, उनके समर्थक कुछ ज्यादा ही उत्साहित दिख रहे हैं.
राजद के पॉवर सेंटर में पहले तेजस्वी यादव थे, लेकिन इस बयान के बाद तेजप्रताप की बहादुरी के किस्से सुने और सुनाए जा रहे हैं. राजद समर्थक कह रहे हैं कि सरकार को ऐसी भाषा समझ में आती है.
तेज प्रताप यादव के बयान की विपक्ष भले ही आलोचना कर रहा हो, लेकिन उनके समर्थक जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं. पार्टी कार्यक्रमों में तेज प्रताप की पूछ बढ़ गई है, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव या राबड़ी देवी ने तेज प्रताप के बयान से किनारा नहीं किया. राजद ने ऐसा कभी नहीं कहा कि तेजप्रताप का बयान उनका निजी बयान है. यानी तेजप्रताप के बयान को राजद का आधिकारिक बयान माना और समझा जा सकता है. इसलिए पार्टी वर्कर्स को लग रहा है कि आगे के संघर्ष को देखते हुए तेजप्रताप स्टाइल पॉलिटिक्स ही करनी होगी.