गुजरात चुनाव जैसे – जैसे नजदीक आ रहा है. बीजेपी और कांग्रेस के नेता एक दूसरे के प्रति हमलावर होते जा रहे हैं. एक दूसरे को घेरने के लिए हर दांव चल रहे हैं. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी दो दिनों के दौरे के तहत पोरबंदर पहुंचे हैं. एक जनसभा में राहुल गांधी ने सरकार की आलोचना करते हुए पूछा कि नोटबंदी के समय जब आप लाइन में लगे थे तो क्या किसी सूट-बूट वाले को देखा? मैं बताता हूं कि क्यों नहीं देखा क्योंकि वो पहले से ही दरवाजे से बैंक के अंदर एसी में बैठे थे. उन्होंने कहा कांग्रेस चुनाव जीतने के बाद आपकी इच्छा के अनुसार काम करेगी.
राहुल गांधी ने सरकार पर पूंजीपतियों का साथ देने का आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों के बजाय उद्योगपतियों को राहत पहुंचाई जा रही है. उन्होंने कहा, ”कांग्रेस ने मनरेगा के लिए 33 हजार करोड़ रुपये दिए. नरेंद्र मोदी सरकार ने उतनी ही राशि टाटा नैनो को दी. क्या आप टाटा नैनो चलाते हैं? सच्चाई यह है कि यदि कोई बड़ा उद्योगपति पीएम मोदी से पैसा मांगता है तो वह उसको 33 हजार करोड़ रुपये देने के लिए तैयार हो जाते हैं. लेकिन यदि सभी किसान या मछुआरे उनसे पैसे मांगे तो वह उनको 300 करोड़ रुपये भी नहीं देंगे.”
राहुल गांधी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों में गुजरात में सारे काम 5-10 उद्योगपतियों के लिए हुए हैं और इन्हीं लोगों ने बाद में पीएम मोदी के प्रचार के लिए संसाधन उपलब्ध कराए. लेकिन गुजरात इन उद्योगपतियों का नहीं है, ये किसानों और मछुआरों का है.
पीएम नरेंद्र मोदी के रेडियो पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम ‘मन की बात’ पर सवालिया निशान उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस लोगों के ‘मन की बात’ सुनना चाहती है. इससे पहले राहुल गांधी ने पोरबंदर में कीर्ति मंदिर का दौरा किया. महात्मा गांधी का जन्म यहीं हुआ था. राहुल गांधी इस वक्त दो दिवसीय दौरे पर पोरबंदर में हैं. यहां पर नौ दिसंबर को पहले चरण में मतदान होना है.