राज्यसभा सांसद सचिन तेंदुलकर गुरुवार को सदन में कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए संसद पहुंचे, लेकिन जब सदन में उनके बोलने की बारी आई तो वे कुछ भी बोल न सके. इसकी वजह थी राज्यसभा में विपक्ष द्वारा किया जा रहा जोरदार हंगामा. विपक्ष द्वारा पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की टिप्पणी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी की मांग पर अड़े रहने के चलते सदन में कार्यवाही सुचारू ढंग से चल नहीं पा रही है.
दरअसल, पूर्व क्रिकेटर और राज्यसभा सांसद सचिन तेंदुलकर गुरुवार को सदन की कार्यवाही में भाग लेने के लिए अपनी पत्नी अंजलि के साथ संसद पहुंचे थे. एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे बैठक शुरू हुई, लेकिन सदन में कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी रहा. सभापति वैंकया नायडू ने सभी से शांत होने की अपील की. उन्होंने कहा कि 'सदन में अभी भारत में खेल का अधिकार और खेल-कूद के भविष्य' पर अल्पकालिक चर्चा होनी है. भारत रत्न से सम्मानित और युवाओं के नायक (आयकन) सचिन तेंदुलकर इस विषय पर बोलेंगे. उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि "उन्हें मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए और सचिन की बात सुननी चाहिए".
इसी दौरान सपा के नरेश अग्रवाल ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कैग का जिक्र किया और सवाल किया कि क्या कैग की रिपोर्ट को लोकसभा में पेश किए बिना ही सार्वजनिक किया जा सकता है. उन्होंने सवाल किया कि क्या कैग रिपोर्ट के आधार पर जांच गठित की जा सकती है. इस पर सभापति ने कहा कि उन्होंने नरेश अग्रवाल की बात को नोट कर लिया है.
इसके बाद उन्होंने सचिन से अल्पकालिक चर्चा शुरू करने को कहा. सचिन जब बोलने के लिए खड़े हुए तो सत्ता पक्ष के कई सदस्यों ने मेजें थपथपाकर उनका स्वागत किया, लेकिन सदन में हंगामे के कारण सचिन अपना भाषण शुरू नहीं कर पाए. नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि इससे कुछ होने वाला नहीं है और सदस्यों को सचिन की बात को ध्यान से सुनना चाहिए. लेकिन सदन में कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी रहा. इस पर आपत्ति जताते हुए नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि उन्हें सीमा से बाहर नहीं जाना चाहिए.
सभापति नायडू ने कहा कि इसका सीधा प्रसारण हो रहा है और देशवासी इसे देख रहे हैं. उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि वे क्रिकेट के दिग्गज और भारत रत्न से सम्मानित सदस्य की बात नहीं सुनना चाहते. उन्होंने कहा कि यह सचिन का सदन में पहला भाषण है और सदस्यों को उनकी बात सुननी चाहिए. उन्होंने आगाह किया कि सदन में नारेबाजी करने वालों के नाम कल प्रकाशित किए जाएंगे.
इसके बावजूद विपक्षी दल के सांसद जमकर हंगामा करते रहे. हंगामा इतना हुआ कि सचिन कुछ बोल ही नहीं सके और नित वक्त भी पूरा हो गया. लिहाज़ा, सचिन सदन में बिना कुछ बोले ही रह गए. विपक्ष का हंगामा यहां शांत नहीं हुआ, जिसके चलते सदन की कार्यवाही को कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. इसके बाद राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने संसद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए इस पर ऐतराज जताया और कहा कि 'सचिन तेंदुलकर ने दुनियाभर में भारत का नाम किया है. उन्हें न बोलने दिया जाना शर्मनाक बात है...यहां तक की सभी को आज का एजेंडा पता था'. उन्होंने सवाल उठाया कि 'क्या केवल राजनेताओं को बोलने की इजाजत है?'