झारखंड में दो राज्यसभा सीटों के लिए वोटिंग खत्म हो गई है, अब सबों की निगाहें इसके रिजल्ट पर टिकी हैं। देखा जाय तो इसके पीछे झाविमो विधायक प्रकाश राम और माले विधायक राजकुमार यादव द्वारा किए गए वोटिंग को लेकर बना सस्पेंस जिम्मेवार है।
हालांकि सूबे के राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग और हॉर्स ट्रेडिंग की घटना कोई नई बात नहीं है लेकिन सबसे बड़ा सवाल वैसे विधायकों के साख पर उठता है जिन्होंने जानबूझकर अपने-अपने पार्टी के नेताओं को गुमराह करने का काम किया है। बता दें कि पिछले राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के आरोप पर प्रकाश राम ने मीडिया और अपनी पार्टी के समक्ष खूब सफाई दी थी कि उन्होंने अपना जमीर नहीं बेचा। अब एक बार फिर उन्होंने आज के चुनाव में वही काम किया है जिसके कारण वे विपक्ष सहित अपने पार्टी के निशाने पर आ गए हैं। वहीं दूसरी ओर गत राज्यसभा चुनाव में वोटिंग के दिन कांग्रेस विधायक बिट्टू सिंह अपने नेताओं को बहलाते रहे कि वो वोट डालने आ रहे हैं लेकिन अंततः नहीं आए जिसके कारण विपक्ष खेमे को हार का मुंह देखना पड़ा। उनके कारनामों को देखते हुए इस बार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक आलमगीर आलम उनके साथ रहे ताकि अंत समय में भी कहीं बिट्टू सिंह पलटी नहीं मार दें और पार्टी को अपने बड़े नेताओं के सामने ही फजीहत हो जाए। वैसे अब देखना दिलचस्प है कि दूसरे सीट के लिए किसके सिर जीत का सेहरा बंधता है।