लालू की “देश बचाओ- भाजपा भगाओ” रैली से तमाम दिग्गज विपक्षी नेताओं ने दूरी बना ली है। बीजेपी के खिलाफ राजद सुप्रीमो लालू यादव को अकेले ही अपनी रैली में दहाड़ना होगा। लगभग सभी मुख्य विपक्षी दलों के सुप्रीम नेता उनकी रैली में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। कांग्रेस राजद और उसकी रैली को समर्थन दे रही है लेकिन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी या उपाध्यक्ष राहुल गांधी इस रैली में शामिल नहीं होंगे। हालांकि रविवार(27 अगस्त) को पटना में आयोजित इस रैली में गुलाम नबी आजाद कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करेंगे।
राहुल गांधी ने इससे पहले पटना की रैली में हिस्सा लेने का संकेत दिया था, लेकिन उन्हें पार्टी नेताओं ने ही मना कर दिया, क्योंकि लालू और उनके बेटे पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। बता दें सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस रैली में शामिल नहीं होने का फैसला लिया था। वहीं मुलायम रैली में अखिलेश के साथ दिखेंगे इसकी उम्मीद भी कम है।
वैसे कांग्रेस और वाम दल के अलावा अब तक इस रैली को लेकर अन्य किसी दल ने अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है, जबकि भाजपा विरोधी 18 दलों को निमंत्रण भेजा गया है। ममता ने पहले जरूर पटना आने की बात कही थीं, लेकिन उनके ताजा बयान प्रधानमंत्री मोदी के प्रति उनके नरम रुख को दिखा रहे हैं। शरद यादव को लेकर भी राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा चल रही है कि राजग में उनके बेटे के लिए जगह नहीं बन रही थी, जबकि जदयू से अलग होकर उन्होंने बेटे के लिए बिहार और दामाद के लिए हरियाणा में जमीन पा ली है।
दूसरी तरफ बाढ़ के मद्देनजर बीजेपी ने लालू से रैली स्थगित करने की अपील की है जिसे राजद प्रमुख ने खारिज कर दिया है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की इस अपील को राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने खारिज करते कहा कि वे यह पाठ पढ़ाने की बजाय बताएं कि तटबंध कैसे टूटे और बाढ़ पीडितों के लिए राहत एवं बचाव कार्य चलाने में सरकार विफल साबित क्यों हुई।
दरअसल लालू यादव इस रैली के माध्यम से बिहार में आरजेडी की सियासी जमीन को बचाने में लगे हैं। वैसे लालू और उनका परिवार 27 अगस्त को विपक्षी एकता को दिखाने की पूरी तैयारी में लगा है।