यूपी और बिहार में उपचुनाव में बीजेपी को मिली करारी हार के बाद सहयोगी दलों ने बीजेपी नेतृत्व पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। देखा जाय तो एक तरह से बीजेपी के लिए ये मिशन 2019 की राह में रोड़े से कम नहीं हैं। जहां एक ओर टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश के विशेष राज्य के मुद्दे पर एनडीए से अपना नाता तोड़ लिया। वहीं अब लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान के बयान ने भी बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है। उन्होंने कहा है कि बिहार के उपचुनाव एनडीए के लिए चिंता का कारण नहीं हैं पर यूपी में मिली हार से बीजेपी को आगे बड़ा नुकसान हो सकता है। क्योंकि यूपी की दोनों लोकसभा सीटें गोरखपुर और फूलपुर, सीएम और डिप्टी सीएम की रही हैं। इससे आगामी चुनाव को देखते हुए जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी को एनडीए की रणनीति को लेकर दोबारा विचार होगा।
उन्होंने बीजेपी नेतृत्व को आगाह करते हुए कहा कि इस वक्त गठबंधन चिंता का विषय है, हमें इस बात पर विचार करना होगा कि हम क्यों एक के बाद एक उपचुनाव हार रहे हैं। चिराग ने कहा इन नतीजों पर एनडीए के सहयोगी लगातार अपनी बात रख रहे हैं लेकिन इस पर कोई विचार नहीं हो रहा जो चिंता का विषय है, उन्होंने कहा कि बीजेपी को अपने सहयोगियों के साथ बैठकर उनके साथ बात करनी होगी। हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी हम एनडीए के साथ ही हैं, 2019 में एनडीए में रहकर ही चुनाव लड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि मांझी और टीडीपी एनडीए से बाहर जा चुके हैं शिवसेना पहले ही कह चुकी हैं वो 2019 का चुनाव अलग लड़ेगी। दूसरी तरफ सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्ष की 20 पार्टियां एक हो रही हैं। हम एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे, लेकिन सभी सहयोगियों पार्टियों का सम्मान हो।