राज्यसभा चुनाव को लेकर बिहार में भी राजनीति गरमा चुकी है. शरद यादव को हां-ना के बाद भी राजद का टिकट नहीं मिल पाया. कटिहार मेडिकल कॉलेज के सर्वे सर्वा अशफाक करीम और राजद के तेज तर्रार प्रवक्ता मनोज झा टिकट की बाजी मार ले गए.
अशफाक करीम को टिकट देकर राजद ने जहां साफ-साफ अपने माय समीकरण को और मजबूत करने की कोशिश की है, वहीं अपने तेज तरार प्रवक्ता मनोज झा को टिकट देकर पार्टी ने सवर्ण वोटरों को भी एक संदेश देने की कोशिश की है. NDA से नाराज बिहार का एक ब्राम्हण वर्ग शायद राजद के साथ आए. साथ ही पार्टी ने यह बताने की भी कोशिश की है कि समर्पित और युवा कार्यकर्ताओं को पार्टी में आगे बढ़ाया जाएगा. शरद यादव लालू यादव से मिलने रांची के बिरसा मुंडा कारा भी आए थे, लेकिन उनकी बात बनी नहीं. शायद राजद को शरद यादव की महत्वाकांक्षाओं का पता है और बिहार में यादव वोट बैंक के लिए शरद यादव की जरूरत भी पार्टी को नहीं है.