आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और उनके करीबी विनोद सिन्हा के खिलाफ चार्ज फ्रेम किया गया। सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एके मिश्रा की अदालत ने दोनों के खिलाफ चार्ज फ्रेम किया। अब इस मामले में गवाही की प्रक्रिया चलेगी। बता दें कि मधु कोड़ा पर अवैध रूप से कमाई गई राशि में से हवाला के माध्यम से हजारों करोड़ रुपये खाड़ी के देशों और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में निवेश करने, राज्य की खनिज संपदा का गलत तरीके से अवैध लीज देने, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में हैदराबाद की कंपनी को गलत ढंग से ठेका देने व कई अन्य सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार करने व अपने पद का दुरुपयोग करने के मामले दर्ज हुए थे। इन्ही मामलों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ कोर्ट में मामला चल रहा था।
गौरतलब है कि कोड़ा जब मुख्यमंत्री बने तो वे निर्दलीय विधायक थे। इसके पूर्व भाजपा की टिकट पर जीतकर बाबूलाल मरांडी सरकार में उन्हें मंत्री बनने का मौका मिला था। बाद में 2005 में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया और इसके बावजूद कोड़ा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत गए। विधायक बनने के बाद अर्जुन मुंडा की सरकार बनाने में कोड़ा की भूमिका रही और सरकार गिराने में भी। देश में पहली बार कोई अकेला विधायक मुख्यमंत्री बनने में सफल रहा। 6 जनवरी 1971 को जन्मे मधु कोड़ा ने 18 सितंबर 2006 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 35 वर्ष की उम्र में मुख्यमंत्री बननेवाले वे झारखंड के पहले विधायक थे। यह भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है।